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RANCHI:आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला के पांचवें मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत में गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कोर्ट के 34 सवालों के जवाब दिये। जमाने बाद जब लालू को कोर्ट ले जाने के लिए अस्पताल से बाहर निकाला गया, तो उनके आसपास उनकी पार्टी के नेता और समर्थक थे और पुलिस उनके पीछे थी।
कोर्ट में पेशी के दौरान निकले लालू को उनके 'हनुमान' कहे जाने वाले भोला यादव ने सहारा दे रखा था। भोला के अलावे एक और शख्स लालू की बांह पकड़े उन्हें सहारा दे रहा था। अस्पताल से कोर्ट जाने के लिए निकले लालू ने पहले तो शाल ओढ़ रखा था। शाल के नीचे आरजेडी सुप्रीमो ने आसमानी रंग का स्वेटर पहन रखा था। गले में मफलर और सिर में टोपी पहन रखी थी। ब्राउन रंग का चश्मा भी उन्होंने पहन रखा था।कोर्ट में पेशी के दौरान लालू भले ही बीमार दिख रहे थे लेकिन उनकी पुरानी ठसक बरकरार थी। तेवर कहीं से कम नहीं दिख रहे थे। लालू यादव इस दौरान ज्यादातर समय शांत दिखे।
भोला यादव को लालू यादव का बड़ा राजदार माना जाता है। उन्हें 'लालू का हनुमान' की संज्ञा भी दी गई है। भोला यादव बहादुरपुर सीट से राजद के विधायक हैं। उनकी पहुंच लालू यादव के किचेन तक मानी जाती है।लालू जब पहली बार जेल गये तो भोला यादव पर महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंप गए थे। लालू को जब चारा घोटाले मामले में सीबीआइ की अदालत ने सजा सुनाई तो भोला यादव के माध्यम से ही समर्थकों को शांति बनाए रखने का संदेश दिया। रांची में अदालत में पेशी की बात हो या फिर रिम्स में इलाज का वक्त हर समय भोला यादव साये की तरह उनके साथ दिखते हैं।
वहीं सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत में चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव का पांचवें मामले में बयान दर्ज किया गया। सुबह 10 बजे रिम्स के पेइंग वार्ड से निकलने के बाद लालू यादव कोर्ट पहुंचे। जहां उनका बयान दर्ज किया गया। बयान दर्ज कराने के बाद उन्हें वापस रिम्स ले जाया गया। रिम्स के पेइंग वार्ड के बाहर लालू यादव से पत्रकारों ने बात करने की कोशिश की लेकिन वे कुछ नहीं बोले हां झारखंड की नयी हेमंत सरकार को उन्होनें बधाई जरुर दी।