जानिए भारत के एकमात्र ऐसे प्रदेश के बारे में जहां अभी तक कोरोना नहीं कर पाया है प्रवेश

जानिए भारत के एकमात्र ऐसे प्रदेश के बारे में जहां अभी तक कोरोना नहीं कर पाया है प्रवेश

DESK : एक ओर जहां पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में आ चूका है, वहां आज भी हमारे देश का एक हिस्सा कोरोना से अछूता है. दुनिया के सुदूर और दुर्गम इलाके, जहां इंसान का पहुंचना तक मुश्किल है वहां भी इस महामारी ने अपनी दस्तक दे दी तो फिर हमारे देश में पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाला ये हिस्सा इस महामारी से कैसे अछुता रह गया? इसके लिए यहां के प्रशाषण और इस जगह की भौगोलिक स्थिति दोनों ने अहम् भूमिका निभाई है.

जी हां, हम बात कर रहे हैं देश के दक्षिण पश्चिम में स्थित केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की. पूरी दुनिया में बीते 4-5 महीने से कोरोना महामारी ने आतंक मचा रखा है. हमारा देश भी इससे बुरी तरह प्रभावित है पर लक्षद्वीप एकलौता केंद्रशासित प्रदेश है जो अब तक इस खतरनाक वायरस के कहर से पूरी तरह मुक्त है .    

कुछ दिनों पहले तक पूर्वोत्तर के कुछ राज्य जैसे सिक्किम और नगालैंड भी इस बीमारी से बचे हुए थे पर सोमवार को नगालैंड में एक ही दिन में 3 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं , वहीं सिक्किम में कोरोना का एक केस मिला है. सिक्किम का कोरोना पॉजिटिव मरीज कुछ दिनों पहले ही दिल्ली से अपने घर पंहुचा था वहीं नगालैंड के तीनों संक्रमित चेन्ई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए अपने घर वापस लौटे थे. इन मामलों के आने के बाद लक्षद्वीप इकलौता राज्य/केंद्रशासित प्रदेश हो गया है जहां अभी तक कोरोना का एक भी संक्रमण नहीं पहुंचा है.

लक्षद्वीप भारत के मुख्य भू-भाग से अलग दक्षिण पश्चिम में स्थित है. यह छोटे-छोटे 36 द्वीपों का एक समूह है जिसकी आबादी करीब 64 हजार है. लक्षद्वीप अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाना जाता है. यहां के सभी 36 द्वीप समूह बहुत ही खूबसूरत हैं और बड़ी संख्या में सैलानीयों को आकर्षित करते हैं. यह केंद्रशासित प्रदेश अपनी ज्यादातर जरूरतों के लिए भारत के दक्षिणी राज्य केरल पर निर्भर है. केरल में इस वक़्त कोरोना संक्रमितों का आकड़ा 1000 पहुंचने के करीब है ऐसे में लक्षद्वीप प्रसाशन द्वारा किये गए प्रयासों और लोगों द्वारा बरती गई एहतियात के कारण ही ऐसा संभव हो सका है. 

लक्षद्वीप के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डॉक्‍टर एस सुंदरावैदिवेलू के बताया, “ हमने बहुत पहले ही राज्‍य में बाहरी लोगों की आवाजाही रोक दी थी. विदेश से पर्यटक और घरेलू पर्यटक भी इसमें शामिल थे. हमने सभी यात्रियों की आवाजाही रोक दी थी”. आगे वो कहते है कि,“जब देश में लॉकडाउन लगा तो जो निवासी लक्षद्वीप लौटना चाह रहे थे उन सबका हमने कोविड-19 टेस्‍ट कराया. कोच्चि और मंगलोर में उन सभी की आरटी-पीसीआई जांच की गई. हम तभी उन्‍हें वापस लाए जब वे जांच में नेगेटिव पाए गए. लक्षद्वीप के जिन लोगों की कोविड 19 जांच नेगेटिव आई थी, उनको और उनके परिवार को भी 14 दिन के लिए अनिवार्य रूप से कोरेंटिन में रखा गया.” 

इन सब प्रयासों को वहां की जनता का साथ मिला और लक्षद्वीप कोरोना से जंग लड़ने में अब तक सफल रहा है. लक्षद्वीप में एक भी कोरोना केस ना होने के बावजूद वहां के लोग मास्क पहन कर निकलते हैं और पूरी सावधानी बरतते हैं. बरहाल, देश में 4 ऐसे राज्य भी हैं जो भारत के कोरोना संक्रमितों के कुल आकडों का 68% है. ये राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडू, गुजरात और दिल्ली है. भारत में कोरोना संक्रमितों का कुल आकड़ा 1 लाख 51 हजार 876 है जिसमें से अकेले महाराष्ट्र में 52 हजार 667 मामले दर्ज किये गए हैं. और इस 52 हजार 667 मामलों में से 30 हज़ार से ऊपर की संख्या देश की वितीय राजधानी मुंबई की है.