RANCHI: हेमंत सोरेन की सरकार में शामिल होने के लिए कांग्रेस के सीनियर और मजदूर नेता राजेंद्र सिंह मंत्री बनने के लिए कई तिकड़म लगाए हुए थे, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. वह बेरमो से विधायक हैं.
सोनिया गांधी के पास कराई पैरवी
राजेंद्र सिंह ने पैरवी सोनिया गांधी तक अपनी पहुंचा दी. इसको लेकर राजेंद्र ने इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद जी. संजीवा रेड्डी से ये पैरवी कराई. बकायदा रेड्डी ने इसको लेकर सोनिया को एक पत्र भी लिखा. पत्र में राजेंद्र के बारे में जमकर तारीफ की गई थी, लेकिन यह तारीफ और पैरवी सोनिया गांधी को पसंद नहीं आई और राजेंद्र का पता साफ हो गया.
इमोशनल अपील बेकार
रेड्डी ने अपनी पैरवी को पक्का करने के लिए कई इमोशनल बातें भी लिखी थी. रेड्डी ने लिखा है कि राजेंद्र 25 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं. यह उनकी सक्रिय राजनीति में अंतिम पारी है, इस कारण उन्हें जनता की सेवा का मौका दिया जाना चाहिए. वह 6 बार से बेरमो से विधायक रह चुके हैं, वह मंत्री भी रह चुके हैं इसलिए उनको एक बार फिर से मौका देना चाहिए. वह पहले ही अपने हेल्थ को लेकर कह चुके हैं कि आगे वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
कांग्रेस के चार विधायक बने हैं मंत्री
हेमंत सोरेन की सरकार में कांग्रेस के चार विधायक को मंत्री बनाया गया है. इसमें प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को वित्त विभाग, आलमगीर आलम को ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य, बन्ना गुप्ता को स्वास्थ्य मंत्री और बादल पत्रलेख को कृषि विभाग का मंत्री बनाया गया हैं. झारखंड में कांग्रेस ने जेएमएम के साथ चुनाव लड़ा था. जिसमें 16 सीटों पर जीत मिली.