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1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Thu, 07 May 2020 09:37:00 AM IST
BEGUSARAI : जहां एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा बिहार के बाहर फंसे मजदूरों को वापस लाने की कवायद जारी है। वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण सूबे के लगभग 150 मजदूर कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में फसे हुए हैं।इन मजदूरों में बेगूसराय के दर्जनों मजदूर शामिल हैं।इन मजदूरों ने वीडियो जारी कर नीतीश कुमार की सरकार से वापस लाने की गुहार लगाई है।
बंगलौर शहर के तिलक नगर किसनपा गार्डन में ये लोग मकान बनाने व टाइल्स लगाने का काम करते हैं।इन लोगों ने वीडियो जारी कर कहा कि घर वापस आना चाहते हैं।लेकिन वहां का प्रशासन इन्हें वापस नहीं आने दे रहे हैं।जारी वीडियो में कहा कि उनलोगों ने वापस आने के लिए स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन कराया।लेकिन स्थानीय पुलिस ने आकर इन्हें वापस नहीं जाने की धमकी दी।पीड़ित मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन से दो-तीन महीने पहले ये लोग बंगलौर आए थे।एक-एक कमरे में 20-20 लोग रहने को विवश हैं।ना खाने की व्यवस्था है और ना ही रहने की।
बंगलौर में फसे मजदूरों में नावकोठी प्रखंड के समसा निवासी साजन कुमार,कृष्णा कुमार,गौतम के अलावा एक महिला व दो बच्चे शामिल हैं वहीं,अझौर के नीतीश,विकास,बबलू, शंकर सहनी, छौड़ाही एजनी के कारी रजक,कोकिल रजक,रामबहादुर रजक,अरुण रजक,रोहित रजक,दुर्गेश रजक,अर्जुन पंडित,भगवानपुर भाटिया के ऋषि कुमार,रामदीरी के विक्रम कुमार शामिल हैं।इसके अलावा लखीसराय व समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना के शंकरपुर गांव के कई मजदूर हैं।पीड़ित मजदूरों ने बताया कि उनलोगों के सामने आर्थिक संकट है।कोई सुनने वाला नहीं।वे लोग चाहते हैं कि अपने घर वापस लौट जाएं।कहा राज्य सरकार उनकी मदद करे तो अपने घर जरूर लौट जाएंगे।
ये सभी मजदूर मकान निर्माण कार्य में काम करते हैं। मजदूरों का कहना है कि खाने-पीने के कोई व्यवस्था नहीं है नहीं तो हम लोग भूखे मर जाएंगे नीतीश सरकार हम लोग को यहां से जल्दी ले जाए क्योंकि जब से लोग डॉन हुआ है तब से स्थिति खराब हो गया है यहां के जो मालिक है वह घर से बार बार धमकी देता भागो यहां से जब पुलिस स्टेशन जाते हैं तो पुलिस वाला भी धमका के वहां से भगा देता है। ऐसे में मैं क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है। लगता है कि हमलोग भूख से मर जाएंगे नीतीश सरकार से गुजारिश है हम लोग को यहां से निकाल कर ले जाए ताकि हम अपने घर मैं सुरक्षित रह सकें।