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1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Sat, 30 Nov 2019 05:30:25 PM IST
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BEGUSARAI : बिहार में अपराध चूहे बिल्ली का खेल है जिसे ठप्पा मारकर कोई नहीं रोक सकता । अपराध को रोकने के लिए सभी लोगों को उठना होगा ,जगना होगा और अपराध की संस्कृति के खिलाफ लड़ना होगा तभी बिहार में अपराध बंद पूरी तरीके से हो पाएगा। उक्त बातें आज बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बेगूसराय में व्यवसायी महासंघ की ओर से आयोजित व्यवसाय संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कही । डीजीपी ने सोना लूट कांड मामले में बेहतर काम करने वाले एसपी से लेकर पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई वहीं एक पत्रकार के लॉ अंड ऑर्डर पर किए गए सवाल पर भड़क उठे। डीजीपी कार्यक्रम के दौरान व्यवसायियों के आग्रह को ठुकराते हुए बिना संबोधित किए ही निकल लिए।
बेगूसराय में आज पुलिस और व्यवसायी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया । शहर के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे शामिल हुए । इस मौके पर व्यवसायियों ने बेहतर काम करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। वहीं डीजीपी ने भी अपनी ओर से व्यवसायियों को सम्मानित किया । इस मौके पर डीजीपी ने बेहतर काम करने वाले पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित किया । जिसमें मुख्य रूप से बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार , डीएसपी राजन सिन्हा, सहित कई थाना प्रभारी और पुलिसकर्मी शामिल थे।
बताते चलें कि पिछले 12 नवंबर को बेगूसराय में अपराधियों ने लूट की एक बड़ी घटना को अंजाम दिया था और इस घटना में अपराधियों ने जहां एक ड्राइवर की हत्या कर दी थी वहीं दो स्वर्ण व्यवसायियों को भी गोली मार दी थी । गढ़हरा थाना क्षेत्र में घटी इस घटना में अपराधियों ने करोड़ों रुपए मूल्य का सोना लूट कर चलते बने थे । इस ब्लाइंड केस को सुलझाने में पुलिस का पूरा महकमा रात-दिन एक किए हुए था । जिसका परिणाम भी सार्थक निकला और बेगूसराय पुलिस ने लूटी गई 14 किलो 700 ग्राम सोना बरामद कर लिया ।
बेगूसराय व्यवसायी महासंघ की ओर से आयोजित व्यवसायी पुलिस संवाद कार्यक्रम को समयाभाव के कारण डीजीपी ने व्यवसायियों के लाख कहने के बाद भी कार्यक्रम को संबोधित नहीं किया । डीजीपी ने कहा कि मैंने आपको एक घंटे का वक्त दिया था वह वक्त अब समाप्त हो गया मैं कोई नेता नहीं हूं।
बाद में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा लूटा गया सोना वारामद करने मैं बेगूसराय के पुलिस कप्तान अवकाश कुमार के नेतृत्व वाली टीम ने एक शानदार और बेहतर काम करने का काम किया है उसे ही माइक सम्मानित और प्रोत्साहित करने के लिए आया हूं । उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे पुलिस पदाधिकारियों के बीच लाखों रुपए गुप्त सेवा धन बांटकर जा रहा हूं ,जो विभाग के द्वारा उन्हें मिलते हैं । मैं बेहतर काम करने के लिए पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित करने का काम करने आया हूं।
डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मी तो गालियां सुनने के लिए होते ही हैं। जब भी कोई घटना होती है तो लोग धरना देते हैं प्रदर्शन करते हैं आक्रोश मार्च निकालते हैं और न जाने क्या-क्या करते हैं। यहाँ तक कि बदनाम करने की कोशिश भी।करते है । पर यही पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपराधियों का पीछा करते हैं और उन्हें धर दबोचने हैं । बाबजूद इसके यही पुलिस कर्मी अपराध नियंत्रण के लिए काम करते हैं । डीजीपी ने कहां की सोना इस लूट कांड के इस मामले में बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार ने शानदार और जानदार काम किया है मैं उनकी प्रशंसा करता हूं।
बेगूसराय में अपराध नहीं रुकने और डबल मर्डर पर एक सवाल के जवाब पर डीजीपी नाराज हो गए और उन्होनें उस पत्रकार को ही नसीहत दे डाली । डीजीपी ने उन्हें नयी- नयी पत्रकारिता करने और सवाल नहीं पूछने का सलीका नहीं आने तक की बात कह दी । वहीं डीजीपी ने सवाल के जवाब में कहा कि कौन कह सकता है कि सूबे में अपराध को रोक सकता है । ये चूहे बिल्ली का काम है जिसे रोकने के लिए पुलिस काम करती है। पर नहीं रोकने पर उसे डिटेक्ट करने का काम पुलिस करती है। पर दावे के साथ कोई ये नहीं कह सकता है कि अपराध को रोक दिया जाएगा । गुप्तेश्वर पांडे यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि अपराध रोकना सिर्फ पुलिस का काम नहीं है। आज कम उम्र के लड़के शराब, स्मैक, और हेरोइन खा रहे है उनकी प्रवृत्ति नशा की ओर बढ़ रही है । उन्होंने कहा कि जब तक जनता नहीं जागेगी अपराधियो के खिलाफ माहौल नही बनेगा तब तक अपराध रोक पाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि जात के नाम पर , धर्म और मजहब के नाम पर दल के नाम पर अपराधियों को समर्थन देने हीरो बनाने और पूजने का काम जनता कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पुलिस अपराध नहीं रोक सकती है हां पुलिस एक स्पेसिफिक एजेंसी जरूर है पर बिना जनता के सहयोग के अपराध रोक पाना मुश्किल है आज जात के नाम पर जमात के नाम पर अपराधियों को हीरो बनाने और उन्हें पूजने का काम किया जा रहा है । अपराध को रोकने के लिए सभी लोगों को उठना होगा , अपराध की संस्कृति के खिलाफ लड़ना होगा तभी समाज में अपराध पूरी तरीके से नियंत्रित हो सकता है ।