PATNA: बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष और बीजेपी के नेता राकेश तिवारी पर दिल्ली के एक थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद सूबे के खेल जगत से लेकर राजनीतिक गलियारे में सनसनी मची हुई है। राकेश तिवारी बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी रहे हैं और खुद को बीजेपी के एक शीर्षस्थ नेता का बेहद करीबी बताते रहे हैं। उनके खिलाफ रेप का मामला दर्ज होने के बाद सनसनी मचना स्वाभाविक है. लेकिन इस मामले के कई नये पहलु सामने आये हैं। केस मुकदमे का खेल काफी दिनों से चल रहा है। पढिये पूरी कहानी....
इस मामले की जो कहानी सामने आयी है उसके मुताबिक दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में 7 मार्च को एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाली लड़की ने राकेश तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करायी. लड़की ने आरोप लगाया कि राकेश तिवारी ने उसे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में दो दफे बुलाकर रेप करने की कोशिश की. राकेश तिवारी ने उसे बिहार क्रिकेट एसोसियेशन की टी-20 लीग की ब्रांडिंग का काम दिया था. काम पूरा होने के बाद जब लड़की ने पैसे मांगे तो राकेश तिवारी ने उसे होटल में बुलाया औऱ रेप करने की कोशिश की. लेकिन ये 7 मार्च को दर्ज हुए इस एफआईआर से काफी पहले केस मुकदमे की कहानी शुरू हो चुकी थी.
दो महीने पहले ही थाने पहुंची थी लड़की
दिल्ली से हमारे संवाददाता ने इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि 7 मार्च को एफआईआर दर्ज कराने वाली लड़की दो महीने पहले ही पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना में पहुंची थी. उसी लड़की ने 4 जनवरी 2022 को पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंच कर बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर रेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. पुलिस ने 10 दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं किया. 10 दिन के बाद लड़की पुलिस के सामने पहुंची और लिखित तौर पर कहा कि उसकी मानसिक स्थिति खराब थी. इसलिए उसने गलत आवेदन दे दिया था. 14 जनवरी 2022 को उस लड़की ने राकेश तिवारी पर लगाये गये रेप के आरोप को वापस ले लिया. 10 दिनों में लड़की कैसे पलट गयी, ये चर्चा का विषय बना हुआ है.
पिछले महीने राकेश तिवारी ने दर्ज कराया था एफआईआर
इसी साल जनवरी महीने में जिस लड़की ने राकेश तिवारी पर रेप का आरोप लगाने के बाद उसे वापस ले लिया था, उसी लड़की पर राकेश तिवारी ने फरवरी महीने में एफआईआर दर्ज करा दिया. राकेश तिवारी ने अपने एफआईआर में कहा कि वह लड़की अपने भाई के साथ मिलकर उन्हें ब्लैकमेल कर रही है. राकेश तिवारी ने अपने एफआईआर में कहा कि उस लड़की ने फेसबुक मैसेंजर के जरिये उनसे संपर्क किया था और नंबर मांगा था. उसके बाद बातचीत और मुलाकात हुई. राकेश तिवारी ने कहा है कि इंवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाली लड़की औऱ उसका भाई बिहार में क्रिकेट टूर्नामेंट में सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग कराना चाह रहे थे. लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया तो केस करने के नाम पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया गया।
बीसीए से बाहर किये गये लोगों ने रची साजिश
राकेश तिवारी ने 19 फरवरी को दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. उस FIR की सबसे दिलचस्प बात ये है कि राकेश तिवारी ने कहा है कि लड़की और उसका भाई तो मोहरा है, असली खेल बिहार क्रिकेट एसोसियेशन को लेकर हो रहा है. राकेश तिवारी ने अपने एफआईआर में बिहार क्रिकेट एसोसिसेय़न के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद को साजिश रचने का आरोपी बनाया है. इसके साथ बिहार क्रिकेट एसोसियेशन से जुड़े रहे संजय कुमार उर्फ मंटू औऱ विनीत कुमार को भी एफआईआर में अभियुक्त बनाया गया है. इन तीनों पर लड़की औऱ उसके भाई के साथ मिलकर राकेश तिवारी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
राकेश तिवारी ने एक और जहां अपने एफआईआर में ये आरोप लगाया कि सारी साजिश बिहार क्रिकेट एसोसियेशन से जुड़े रहे लोग रच रहे हैं वहीं दूसरी ओर ये भी कहा कि लड़की औऱ उसका भाई आदतन अपराधी औऱ फ्रॉड है. राकेश तिवारी ने अपने एफआईआर में कहा है कि लड़की और उसके भाई के खिलाफ हरियाणा के गुरुग्राम थाने में एफआईआर संख्या 361/2021 दर्ज है. जिसमें दोनों भाई बहन की गिरफ्तारी भी हुई थी. दोनों भाई बहन जेल में बंद थे. राकेश तिवारी ने पुलिस से कहा कि ये जांच का विषय होना चाहिये कि जब वे जेल में बंद थे तो कौन कौन लोग दोनों से मिलने जेल में गये थे।
राकेश तिवारी की एफआईआर बताता है कि बिहार क्रिकेट में कैसा-कैसा खेल चल रहा है. उधर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है. राकेश तिवारी की एफआईआर के साथ साथ लड़की द्वारा दर्ज कराये गये रेप के मुकदमे की जांच की जा रही है. दोनों मामलों की पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।