JAMUI: जमुई जिले के सोनो चुरहेत काजवे पुल फिर छतिग्रस्त हो गया। एक साल पहले भ्रष्टाचार के पुल के टूटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल का निरीक्षण किया गया था। इसके बाद टूटे हुए पुल के ऊपर से लोहे का बेली पुल बनाने का निर्देश दिया गया था इसके बाद लोहे का पुल भी अपनी वर्षगांठ नहीं मना पाया और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इससे पहले लोगों ने बालू खनन और भ्रष्टाचार के ईंट कंक्रीट से बने सड़क टूटने का आरोप लगाया था। जिसके बाद अब लोहे का पुल भी भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गया।
बता दें कि जिस तरह से बिहार में लगातार पुल गिरने का सिलसिला जारी है। इसका जीता जागता उदाहरण आज जमुई में देखने को मिला। जमुई जिले में लगभग पांच पुल क्षतिग्रस्त है। उस पर आज भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। कहीं ना कहीं अब इलाके के लोगों को भय सताने लगा है कि सोनो प्रखंड के 10 पंचायत और खैरा प्रखंड के आठ पंचायत के लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया।
बेली पुल का उद्घाटन अक्टूबर 2023 को हुआ था जबकि सितंबर 2024 में ही टूट गई है। बेली पुल से वाहन तो छोड़ दीजिए पैदल भी चलना बंद कर दिया गया। जिससे कि लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक कार्य के लिए भी प्रखंड मुख्यालय आना लोगों को बहुत मुश्किल होगा और कई किलोमीटर की दूरी घूम कर प्रखंड कार्यालय और स्वास्थ्य केंद्र आना पड़ेगा। वहीं लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुल को दुरुस्त नहीं किया गया और सरकार अगर नए पुलों का निर्माण नहीं करती है तो अगर कोई बीमार पड़ते हैं या प्रसव के लिए प्रसव पीड़िता को लेकर अस्पताल जाना होगा तो कई किलोमीटर अधिक सफर करना पड़ेगा और वह भी सड़क काफी जर्जर है।
जिससे की बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है। वही टूटे हुए पुल का निरीक्षण करने के लिए जमुई की नई नवेली जिला पदाधिकारी अभिलाष शर्मा पहुंची थी। वहीं निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त हुई है। हम लोगों के द्वारा निरीक्षण किया गया है टेक्निकल टीम बुलाई जा रही हैआरसीडी के टेक्निकल टीम के द्वारा जांच के बाद आगे की कोई कार्रवाई की जाएगी। विभाग के द्वारा जानकारी मिली है कि नए पुल का भी यहां पर निर्माण कराया जाएगा।
अधिक बालू उठाव के कारण टूटा था पिलर
साल 2023 में उक्त नदी घाट से निर्धारित मानक से अधिक बालू का उठाव किया गया था। इस सोनो से चुरेत जाने वाले पुल का दो पिलर क्षतिग्रस्त हो गया था पहले यह पल सीमेंटेड थी इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां पहुंचकर पुल का निरीक्षण किया था इस दौरान उन्होंने जल्द बेली पुल के निर्माण करने का आदेश दिया गया था। इसके कारण जल्दबाजी में क्षतिग्रस्त वाली जगह पर बिना कुछ हटाए इस पर लोहे का पिलर देखकर दोबारा से पुल बनाया गया था।
20 दिन के अंदर पुल बनकर हुआ था तैयार
सीएम के आदेश के 20 दिन के अंदर ही 100 मीटर और चौड़ाई 12 फिट है पहले यह काऊजवे पुल बना था। सितंबर 2023 में पुल का दो पिलर दास गया था इसके बाद 20 दिन में (लोहे से निर्मित )बेली पुल बनकर तैयार हो गया था वहीं बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पुल का एक पिलर पानी के तेज बहाव में दास गया जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ है..पुल प्रभावित होने से सोनो प्रखंड के 18 पंचायत के 100 गांव के डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं