1st Bihar Published by: Updated Fri, 25 Feb 2022 09:42:59 AM IST
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PATNA : बालू के अवैध खनन में संलिप्त सरकारी अफसरों पर कार्रवाई के बाद अब ठेकेदारों और बड़े माफियाओं पर कार्रवाई की जाएगी. आर्थिक अपराध इकाई ने सोन नदी से होने वाले अवैध खनन नेटवर्क को लेकर 42 बालू माफियाओं की पहचान की है. ये बालू माफिया पांच जिलों के रहनेवाले हैं। इसमें सारण को छोड़ दिया जाए तो सभी के सभी उन जिलों से जुड़े हैं जहां से सोन बहता है।
सबसे अधिक 10 माफिया पटना जिले के रहने वाले हैं। वहीं भोजपुर के 9, औरंगाबाद के 6, सारण के 8 और रोहतास के 9 बालू माफिया भी रडार पर आ चुके हैं। सोन नदी के बालू को लूटने वालों में कई दिग्गज भी शामिल हैं। इसमें पूर्व विधायक तक का नाम शामिल है। सोन के पश्चिम के एक जिले के विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक कभी आपराधिक घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
इतना ही नहीं कई बड़े अधिकारी भी बालू की लूट में शामिल रहे हैं। जांच के दौरान अवैध खनन, भंडारण और परिवहन में संलिप्त पाए गए ढाई दर्जन से अधिक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरी है। ये ऐसे अफसर हैं जिन्होंने किसी ने किसी रूप में अवैध खनन या परिवहन के सिंडिकेट को मदद पहुंचाए हैं। फील्ड से हटाए जाने के बाद इनकी संपत्ति की जांच हो रही है।
बताते चलें कि सोन के पानी और बालू दोनों की अलग पहचान है। पीला सोना कहे जाने वाले इसके बालू की मांग बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश तक है। इसकी वजह, बालू की बेहतर क्वालिटी है। निर्माण कार्य के लिए इससे अच्छा बालू कहीं और नहीं मिलता और वर्षों से इस बालू की लूट हो रही है। आखिरकार सरकार की नजर पड़ी तो सोने के बालू लुटेरे भी चिह्नित हो गए। ऐसे ही 42 बालू माफियाओं की पहचान के बाद शिकंजा कसने की कवायद जारी है।