बाढ़ प्रभावित और जलजमाव वाले क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण, पटना लौटने पर बोले नीतीश..अधिकारियों की बुलायी गई है हाई लेवल मीटिंग

बाढ़ प्रभावित और जलजमाव वाले क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण, पटना लौटने पर बोले नीतीश..अधिकारियों की बुलायी गई है हाई लेवल मीटिंग

PATNA : बिहार में अभी भी बाढ़ से कई जिलों की हालत खराब है। बाढ़ से बने हालत की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समीक्षा कर रहे हैं। आज सुबह सीएम ने वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और पूरी स्थिति की जानकारी ली। हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय झा भी उनके साथ थे। बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री पटना लौटे। 


पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आज अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है। हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने यह देखा कि बीते दिनों हुई भारी वर्षापात के कारण फसले बर्बाद हुई है। इससे प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी। बारिश कम होते ही वे आज सुबह प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए निकले। एरियल सर्वे के दौरान उन्होंने वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।    


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए दोनों सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है। अब जनता को फैसला करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग एकजुट है। वही उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों का अपना-अपना सोचने का तरीका है कौन क्या बोलता है इससे कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि लालू प्रसाद यादव आ रहे हैं प्रचार करने के लिए तब उन्होंने कहा कि रोकता कौन है वह तो पहले भी करते रहे हैं। लालू जी भाषण देंगे क्या करेंगे वही बताएंगे वह तो जेल से भी यह सब करते रहे हैं।


बता दें कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के बाढ़ प्रभावित और जलजमाव वाले क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने निकले थे।इस दौरान अब तक हुए बाढ़ और जलजमाव से फसलों की क्षति का उन्होंने जायजा लिया। सीएम नीतीश हाल में भारी बारिश से हुई बर्बादी का भी सर्वेक्षण किया। मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ और बारिश से हुए जलजमाव के कारण 98 हजार एकड़ में लगी फसल बर्बाद हुईं है। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है।


गौरतलब है कि इससे पहले नीतीश कुमार ने शनिवार को नालंदा, नवादा और पटना जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे कई गांवों का दौरा किया था। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और अधिकारियों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए थे। पिछले दो दिनों में चक्रवात के कारण हुई भारी बारिश के बाद स्थानीय नदियों के उफान पर आ जाने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।


बीते दिनों मुख्यमंत्री ने पटना जिले के बेलछी ब्लॉक के अंतर्गत बिखोचक दरियापुर गांव का दौरा किया, जिसमें जिरायिन और कुम्हारी नदियों के अतिप्रवाह के कारण बिंद गांव के पास एक तटबंध टूट गया और नालंदा में कटरीसराय के अलावा नवादा जिले के नारदीगंज ब्लॉक के अलावा पंचाने और धनरजय नदियों द्वारा बनाई गई बाढ़ जैसी स्थिति की समीक्षा की गई।


नालंदा के राहुई प्रखंड में दिहरा पुल पर खड़े होकर पंचाने नदी के बढ़ते हुए रूझान की सीएम ने समीक्षा की थी और डीएम योगेंद्र सिंह से प्रभावित ग्रामीणों को तत्काल राहत सुनिश्चित करने को कहा था। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। नालंदा दौरे के दौरान सीएम नीतीश के साथ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, जल संसाधन विकास सचिव संजीव हंस, पटना संभागीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के अलावा सीएम के सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे। 


आज मंगलवार को सीएम ने वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और पूरी स्थिति की जानकारी ली। हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय झा भी उनके साथ थे।