बाबा बागेश्वर ने अक्षरा सिंह से कही ऐसी बात कि हैरान रह गयी थी भोजपुरी एक्ट्रेस: खुद खोला मुलाकात का राज

बाबा बागेश्वर ने अक्षरा सिंह से कही ऐसी बात कि हैरान रह गयी थी भोजपुरी एक्ट्रेस: खुद खोला मुलाकात का राज

PATNA: बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री जब पटना में थे तो उनसे मिलने वाले लोगों का तांता लगा था. पैरवी, सिफारिश और पहुंच के बूते कई लोग उस होटल में पहुंचने में सफल रहे थे जहां धीरेंद्र शास्त्री ठहरे थे. उसी दौरान एक तस्वीर औऱ वीडियो सामने आया था जिसमें भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह बाबा बागेश्वर के सामने बैठी है. अक्षरा सिंह उस वीडियो में कुछ गाते हुए भी दिख रही थी. भोजपुरी एक्ट्रेस ने आज वह पूरा वाकया बताया।


दंग रह गयी अक्षरा सिंह

अब अक्षरा सिंह ने ये राज खोला है कि बाबा बागेश्वर से मुलाकात के दौरान क्या हुआ. अक्षरा सिंह ने कहा कि वह बाबा से पर्ची निकलवाने नहीं गयी थी. मैं तो सिर्फ उनसे मिलकर आशीर्वाद लेने गयी थी. मैंने बाबा के पास जाकर उन्हें प्रणाम किया. बाबा ने आशीर्वाद दिया और फिर कहा कि एक गाना सुना दो. अक्षरा सिंह ने कहा कि बाबा बागेश्वर की बात सुनकर मैं थोडी देर के लिए दंग औऱ हैरान रह गयी थी. 


अक्षरा सिंह ने कहा कि बाबा बागेश्वर को सुनने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जुटती है. वो मुझसे कह रहे थे कि दो लाइन गाना सुना दो. पहले मैंने सोचा कि क्या सुनाऊं फिर मैंने भजन गाया. मेरा भजन सुनने के बाद बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने ताली बजाकर आशीर्वाद दिया. मैं उनका आशीर्वाद लेकर ही वहां से निकली और मुझे बहुत ही पॉजिटिव फीलिंग हुई.


बागेश्वर धाम की भक्त बनी अक्षरा सिंह

अक्षरा सिंह ने कहा- बागेश्वर धाम की जय हो. उन्होंने कहा कि भोजपुरी अभिनेत्री ने कहा कि पटना जाकर उन्होंने खुद देखा था कि बाबा को सुनने के लिए कितने लाख लोग जुटते थे. कितनी भीड़ थी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल था. ये इस बात का प्रमाण है कि बिहार और यूपी के हर घर में बच्चे-बच्चे के मन में आस्था है. आस्था की कहीं से कोई कमी नहीं है. 


बता दें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 से 17 मई तक पटना के नौबतपुर में हनुमंत कथा और दिव्य दरबार लगा कर गये हैं. अब वे मध्यप्रदेश के जैसीनगर में हनुमंत कथा कर रहे हैं लेकिन वहां भी वे बिहार का जिक्र कर रहे हैं. बाबा बागेश्वर खुद कह रहे हैं कि बिहार के लोग धन्य हैं. जहां कथा हो रही थी उसके 25 किमी के इलाके में लाखों लोग पांच दिन तक पड़े रहे.  उसी स्थान पर रोटी भी बनाते थे और उसी जगह पर सो भी जाते थे.