DESK : कोरोना संकट के कारण देश के कोई बैंकों ने अपने ग्राहकों को कई तरह क सुविधाएं दी थी जिसे अब जल्द ही हटाया जाने वाला है. इसके लिए 1 जुलाई से बैंक के कई नियमों में बदलाव किया जाने वाले हैं. लेनदेन से लेकर एटीएम कार्ड से रकम निकासी को लेकर नियमों में बदलाव होने वाला है. इन बदलाव के साथ ही बैंक में अब आपको कई चीजों पर अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है. यदि आप का भी पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा या फिर एसबीआई के ग्राहक हैं तो जान लीजिये 1 जुलाइ से क्या बदलाव होने वाला है.
एटीएम निकासी में छूट खत्म- लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने किसी भी बैंक के एटीएम से निकासी करने की छूट दी गई थी. ये छूट 1 जुलाई से खत्म होने वाली है. इस बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारणण ने छूट की घोषणा करते हुए कहा था कि ये छूट लोगों को लॉकडाउन से राहत देने के लिए दी गई है.
पीएनबी सेविंग अकाउंट पर ब्याज कम- देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी ने बचत बैंक खातें पर वार्षिक ब्याज दर 0.50 प्रतिशत से घटाकर 3.25 प्रतिशत कर दी है. पीएनबी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संशोधित ब्याज दरें 30 जून से लागू होगी.
बैंक ऑफ बड़ौदा अकाउंट करेगा फ्रीज- यदि आपका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में है तो जल्द ही अपने अकाउंट को अपडेट करवालें नहीं तो मुश्किलें बढ़ सकती है. कुछ दिनों पहले ही बैंक ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर कहा था कि जल्द से जल्द अपना बैंक अकाउंट अपडेट करवालें नहीं तो अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाएगा. जैसा की आप जानते हैं बैंक ऑफ बड़ौदा में पिछले दिनों देना बैंक और विजया बैंक का विलय हुआ था. इसलिए बैंक अपडेशन के लिए आधार, पैन और राशनकार्ड की आवश्यकता है या अन्य कोई मान्य डॉक्यूमेंट जिसे बैंक स्वीकार कर सके.
न्यूनतम राशि बाध्यता खत्म- 1 जुलाई से सेविंग अकाउंट में मिनिमम मंथली बैलेंस मेंटेन करने की बाध्यता खत्म कर दी जायेगी. लॉकडाउन की वजह से फ़िलहाल ग्राहक को बचत खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरुरत नहीं है. अभी मेट्रो सिटी, शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट अलग-अलग है.