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1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 Oct 2021 04:32:45 PM IST
                    
                    
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PATNA : बिहार में 2 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने करो या मरो का नारा दिया है. तेजस्वी यादव ने आज पार्टी के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक में सीधे-सीधे शब्दों में कह दिया है कि हर हाल में उन्हें इन दोनों सीटों पर जीत चाहिए. तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर जीत को तेजस्वी ने नाक की लड़ाई बना ली है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर आवास पर आज लगभग 2 घंटे तक हुई बैठक में तेजस्वी ने इन दोनों सीटों पर जीत को लेकर रणनीति बनाई और नेताओं को होमवर्क भी दिया.
दरअसल तेजस्वी यादव चाहते हैं कि मोरल विक्ट्री के लिए इन दोनों सीटों पर आरजेडी की जीत जरूर हो. बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता से दूर रह गई थी. तेजस्वी यादव लंबे अरसे तक यह आरोप लगाते रहे थे कि चुनाव में धांधली की गई. लेकिन इस सबके बावजूद हकीकत यह है कि बिहार में इस वक्त नीतीश कुमार की सरकार है. लेकिन अगर इन दोनों विधानसभा उपचुनाव वाली सीटों पर आरजेडी जीत हासिल करती है तो मनोवैज्ञानिक तौर पर तेजस्वी को बढ़त मिलेगी. तभी इसीलिए हर हाल में इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत चाहते हैं. शायद यही वजह है कि इस कांग्रेस के साथ उन्होंने गठबंधन को प्राथमिकता भी नहीं दी.
राबड़ी आवास पर आज हुई बैठक में तेजस्वी यादव ने पार्टी के तमाम नेताओं को अगले 1 से 2 दिनों में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में काम करने का निर्देश दिया है. तेजस्वी ने कहा है कि जिन नेताओं को जहां पार्टी नेतृत्व की तरफ से जवाब दे ही दी गई है, वह वहीं पर काम करेंगे. हर हाल में पंचायत स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक में वोट मैनेजमेंट और सामाजिक समीकरण का ध्यान रखते हुए चुनाव प्रचार किया जाए.
इतना ही नहीं बैठक में तेजस्वी यादव ने पार्टी के नेताओं को यह भी कह दिया कि हम दोस्ताना मुकाबला लड़ने के लिए मैदान में नहीं उतरे हैं. हमें आजेडी उम्मीदवार को जीताना है लिहाजा कांग्रेस से के साथ कोई दोस्ती निभाने की जरूरत नहीं.
पार्टी सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन को बिहार में कुछ भी नहीं होने वाला. कांग्रेस आरजेडी के अलावा किसी और रास्ते पर नहीं जा सकती. इसलिए इस बात को दिमाग में ना लाएं. जरूरी है कि हम विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करें और इसलिए इस समय हर हाल में अपने दोनों उम्मीदवारों को विधानसभा पहुंचाना होगा. अगर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार जीत जाते हैं तो कांग्रेस के पास भी कहने के लिए कुछ भी नहीं होगा और जिस तरह आरजेडी ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया, वह भी सही साबित हो जाएगा.