अरवल के मलमास मेले में उमड़ी भारी भीड़, करीब 2 लाख लोग मेला देखने पहुंचे, भीषण जाम से कराहते रहे लोग

अरवल के मलमास मेले में उमड़ी भारी भीड़, करीब 2 लाख लोग मेला देखने पहुंचे, भीषण जाम से कराहते रहे लोग

ARWAL: अरवल के ऐतिहासिक धार्मिक मधुश्रवां मलमास मेले में रविवार को अप्रत्याशित भीड़ जुटी। करीब दो लाख लोगों के मेला में पहुंचने की बात कही जा रही है। जिसके कारण सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जगह-जगह लोग घंटो जाम से कराहते रहे। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।


बता दें कि राजगीर के बाद दूसरा मलमास मेला का आयोजन मधुश्रवां में होता है। जहां काफी दूर-दूराज के क्षेत्र से लोग मेला घूमने आते हैं। 16 जुलाई से शुरू हुए मलमास मेला का समापन 16 अगस्त को होगा। जैसे-जैसे मेला समाप्ति की ओर बढ़ रहा है वैसे वैसे मेला में सैलानियों की भीड़ बढ़ती जा रही। मेला में आज लगभग दो लाख  लोगों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला केंद्र से अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल को लगाया गया था। वैसे बैरिकेडिंग कर मेले में वाहन को जाने से रोक दिया गया था। सैलानियों को मेला पहुंचने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। 


लोगों को 200 मीटर की दूरी तय करने में घंटो समय लगा। जगह-जगह जाम से लोग पूरे दिन कराहते रहे। मेहंदिया सोन नहर के जर्जर पुल पर जाम के कारण लोग जान हथेली पर रखकर जैसे तैसे पुल पार करते दिखे। वही एनएच 139 पर पार्किंग किए गए छोटे बड़े वाहनों के कारण एनएच पर वाहन रेंगते नजर आए। मौके पर मेले में सैलानियों ने जमकर खरीदारी की। वही सर्कस और झूले का भी लुप्त उठाया। सबसे ज्यादा भीड़ मौत का कुआं देखने वालों की थी। जहां टिकट के लिए मारामारी हो गयी। बच्चे झूले पर झूलने को आतुर थे तो लोग ब्रेक डांस का लुफ्त उठा रहे थे। 


वही बूढ़े बुजुर्ग जादू देखकर आनंदित थे। अंतर जिला एवं राज्य के बाहर के लोग भी मेले में भीड़ का हिस्सा बने थे। मेले में पंजाबी तलवार एवं विंध्याचली लाठी की जमकर बिक्री हुई। लोग बता रहे हैं कि शाम होते-होते होटलों में खाने पीने की सभी सामग्री बिक चुकी थी। जानकारी के मुताबिक मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही 14 मजिस्ट्रेट एवं 72 पुलिस अधिकारियों को लगाया गया था लेकिन भीड़ बढ़ जाने के बाद भिन्न-भिन्न स्थानों से  अतिरिक्त पुलिस बल के अलावे ग्राम रक्षा दल की तैनाती की गई थी। यही कारण है कि छोटी मोटी चोरी की घटनाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार की कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं घटित हुई। जिससे पुलिस प्रशासन एवं मेला प्रबंधन ने राहत की सांस ली है। कल मलमास मेला के अधिकमास के अंतिम सावन सोमवारी है। जिससे और अधिक भीड़ बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है। ऐसे में पुलिस प्रशासन एवं मेला प्रबंधन को विशेष तैयारी करने की जरूरत है।