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1st Bihar Published by: RITESH HUNNY Updated Tue, 20 Aug 2024 08:21:00 PM IST
SAHARSA: सहरसा के सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र के लालगंज गांव जाने के लिए 15 साल पूर्व तत्कालीन भाजपा विधायक स्व.संजीव झा के मद से बीच खेत में एक पुल बना दिया गया लेकिन दो विधानसभा महिषी और कहरा विधानसभा के सीमा पर पुल बनने के बाद दोनों विधानसभा के किसी भी जनप्रतिनिधि ने संपर्क पथ बनाने की दिशा में काम करना तो दूर लाखों की लागत से बने पुल को देखना तक मुनासिब नहीं समझा।
दरअसल जिले के महिषी और कहरा विधानसभा के सीमा पर स्थित लालगंज गांव को सहरसा सुपौल मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए खेत में ही पुल का निर्माण कर दिया गया। लेकिन दोनो तरफ पहुंच पथ का निर्माण ही नहीं हुआ। जिसके कारण ये पुल लोगो के लिए व्यर्थ साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि तत्कालीन भाजपा विधायक स्व संजीव झा के कार्यकाल (2005-2010) के अंतिम काल में इस पुल का निर्माण उनके विधायक योजना से हुआ था। जिसमे पहुंच पथ भी बनना था। सहरसा सुपौल मुख्य मार्ग से पुल तक सड़क के लिए मिट्टी भी गिरा था। लेकिन कुछ दिन बाद चुनाव हुआ और वह चुनाव हार गए। जिसके बाद कुछ नहीं हुआ। पुल व्यर्थ साबित हो रहा है।
लोगो ने बताया कि पुल के पश्चिम भाग के बाद दूसरे विधानसभा महिषी में आता है। उधर भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। जिसके कारण आधा किलोमीटर की दूरी के बदले गांव के लोगों को दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। दो विधानसभा और दो पंचायत के बीच फसा यह सड़क और पुल जंगल में तब्दील हो गया है। जबकि लालगंज का यह मुख्य सड़क है। स्थानीय उमाकांत पाठक, सतनजीव पाठक, शोभाकांत पाठक, मनोज कुमार ने बताया कि यह गांव का मुख्य सड़क था। बीते दस साल से जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़क का यह हाल है। दो विधानसभा के बीच पड़ने के कारण दोनो विधायक भी नजर देना उचित नहीं समझते है तो दो पंचायत रहूआ और लालगंज पंचायत के बीच पड़ने के कारण भी कोई पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में कोई पहल नहीं करते हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि विधायक, सांसद से निर्माण के लिए गुहार लगाते लगाते थक गए हैं। वही लालगंज पंचायत के वार्ड 13 के वार्ड सदस्य प्रमोद पाठक कहते हैं कि तत्कालीन विधायक स्व संजीव झा के कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस सड़क और पुल को अपने खुद के अस्तित्व पर छोड़ दिया गया है। वही दो पंचायत जिसमे लगभग डेढ़ सौ गज रहुआ पंचायत जो कि कहरा प्रखंड में आता है और बाकी लालगंज पंचायत जो कि सत्तरकट्टैया प्रखंड में आता है। दोनो पंचायत के भी आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण यह पुल सड़क के बिना बेकार साबित हो रहा है।