DESK: ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित संगीतकार 57 वर्षीय AR रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानू ने निकाह के 29 साल बाद अलग होने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी एआर रहमान और सायरा बानू की वकील वंदना शाह ने मीडिया को दी है। उन्होंने कपल के तलाक की अनाउंसमेंट कर प्राइवेसी की मांग की है। जिसके बाद अल्लाह रख्खा रहमान (एआर रहमान) ने भी सोशल मीडिया एकाउंट पर इमोशनल नोट लिखकर इस बात को कन्फर्म किया है। लिखा कि दोस्तों, इस नाजुक वक्त से गुजरते हुए हमारी निजता का सम्मान करने के लिए धन्यवाद।
वही माता-पिता के तलाक की खबर सामने आने के बाद उनके बच्चों ने प्राइवेसी की मांग की। बता दें कि 12 मार्च 1995 को रहमान और सायरा की अरेंज मैरिज हुई थी। दोनों की दो बेटियां खतीजा-रहीमा और एक बेटा अमीन है। रहमान और सायरा के तीनों बच्चे भी सिंगर हैं। रहमान की बीवी सायरा गुजरात के कच्छ की रहने वाली है उसका जन्म 20 दिसंबर 1973 को हुआ था। गुजरात में पढ़ाई पूरी करने के बाद पूरा परिवार चेन्नई में रहने लगा था।
एक दिन चेन्नई में सूफी संत मोती बाबा की दरगाह पर सायरा को एआर रहमान की मां ने देखा और बेटे के लिए पसंद कर लिया। दरगाह से कुछ दूरी पर ही सायरा का घर था। पता लगाते हुए रहमान की मां सायरा के घर पहुंच गये फिर बेटे की शादी की चर्चा की। मां ने ही दोनों की शादी तय की थी। फिर दोनों की निकाह हो गयी।
दो साल पहले एक अवार्ड फंक्शन में सायरा के साथ पहुंचे थे। जब अवार्ड लेने की बारी आई तो वो पत्नी सायरा को साथ लेकर मंच पर गये थे लेकिन जब उनकी बीवी हिन्दी में बात करने लगी तब रहमान ने मंच पर ही टोक दिया. कहा कि हिन्दी नहीं तमिल में बात करो। जिसके बाद सायरा ने कहा कि माफ कीजिएगा मैं फ्लूएंट तमिल नहीं बोल पाती हूं..इसलिए हिन्दी में बात कर रही हूं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जब सामने आया तब एआर रहमान की खूब आलोचना हुई थी।
अब शादी के कई सालों बाद सायरा और एआर रहमान ने एक दूसरे से अलग होने का बड़ा फैसला ले लिया है। उनके वकील ने बताया कि यह फैसला उनके रिश्ते में आए भावनात्मक तनाव के बाद लिया गया है। बातें सामने आने के बाद एआर रहमान ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि हमें उम्मीद थी कि हम निकाह के 30 साल पूरा कर लेंगे लेकिन ऐसा लगता है कि सभी चीजों का एक अदृश्य अंत होता है। यहां तक कि ऊपर वाले का तख्त भी टूटे हुए दिलों के भार से कांप सकता है। फिर भी इस बिखराव में हम अर्थ की तलाश करते हैं। भले ही टुकड़ों को फिर से अपनी जगह न मिले। उन्होंने आगे लिखा कि दोस्तों, आपकी उदारता और इस नाजुक दौर से गुजरते समय हमारी निजता का सम्मान करने के लिए धन्यवाद।