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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 24 Sep 2023 08:53:53 PM IST
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PATNA: मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब के पीने से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। कहा कि नीतीश बाबू ने 2016 में पूरे बिहार में शराब बंद किया। 2016 से अब तक कई सौ लोगों की मौत जहरीली शराब के पीने से हो गयी है। हर घर में शराब पहुंच रहा है। यह बात मुख्यमंत्री को भी पता है लेकिन उनकी दिक्कत यह है कि वो अपने जिद पर अड़े हैं। इतने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं लाखों लोग जेल में बंद हैं।
2016 की बात को याद दिलाते हुए आरसीपी ने कहा कि शराबबंदी लागू करने से पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि इससे गरीब के घर में खुशहाली आएगी गरीबों के चेहरे पर मुस्कान होगी। लेकिन हुआ क्या यह सबकों मालूम है। शराब पीकर लोग मर ही रहे हैं और मुकदमा लड़ते-लड़ते घर बर्बाद हो गया है वही बिहार को राजस्व का नुकसान हुआ वो अलग है। एक भी नीति नीतीश बाबू की सफल नहीं रही है। ये लोग लंबी-लंबी बातें करते हैं। यदि थोड़ा सा भी इस बात का एहसास होता तो वो इस्तीफा देकर चले जाते।
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार की स्थिति बहुत ही खराब है। बिहार के मुख्यमंत्री को लोग रोज देख रहे हैं। सार्वजनिक जीवन में उनका यह रोज का व्यवहार है। वे अपने मंत्रियों के साथ जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे है इससे लगता है कि अब मुख्यमंत्री के रूप में एक व्यक्ति की पहचान प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए होता है वह बचा नहीं है। सीएम के इस व्यवहार ने पूरे बिहार के लोगों का मजाक बना दिया है।
उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां कोई कानून का राज बचा नहीं है। दूसरी बात बेरोजगारी की है। बिहार मजदूर की मंडी बनकर रह गयी है। बिहार में निवेश होगा तब ही रोजगार मिल सकेगी। लेकिन नीतीश कुमार ने इस ओर कोई प्रयास नहीं किया। हमारे बच्चे पढ़ने के लिए बिहार के बाहर जा रहे हैं नौकरी तलाशने के लिए भी बिहार के बाहर जा रहे हैं। किसी प्रकार की आशा और उम्मीद बिहार की जनता को नीतीश कुमार से अब नहीं रह गया है और इधर जो खासकर उनका व्यवहार है उसे देखकर लगता है कि बिहार को देखने वाला कोई नहीं है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर कहा कि उनको बहुत साल से जानते हैं। उनका जमीन के नीचे से पैर खिसक गया है। इनके नेता का ठिकाना नहीं रह गया है। नीतीश कुमार की जो पहचान, विश्वनीयता और साख थी वह सब अब समाप्त हो गया है। प्रशासन का पूरा इकबाल खत्म हो गया है। आरसीपी ने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी पर ललन सिंह क्या आरोप लगाएंगे। उनके पास बोलने को कुछ रह नहीं गया है। उनकी पार्टी 2024 के चुनाव में नीचे से फर्स्ट करेगी।
दरअसल नीतीश कुमार बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भोला पासवान शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे थे. उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मंत्री विजय चौधरी और अशोक चौधरी भी थे. इसी दौरान किसी पत्रकार ने नीतीश कुमार से पूछ लिया कि क्या आपको किसी के टीका लगाने से परेशानी है. दरअसल तीन दिन पहले नीतीश कुमार ने टीका लगाने के कारण ही मंत्री अशोक चौधरी की गर्दन पकड़ तक एक पत्रकार के पास ले गये थे. पत्रकार ने भी टीका लगा रखा था. नीतीश कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी की गर्दन पकड़ कर पत्रकार के सिर से उनका सिर टकरा दिया था.
जब टीका लगाने पर सवाल पूछा गया तो फिर नीतीश कुमार ने जो किया वह बेहद दिलचस्प था. नीतीश कुमार पीछे घूम, जहां मंत्री अशोक चौधरी खड़े थे. वे अशोक चौधरी के पास गये औऱ उनके कंधे पर सिर रखकर लिपट गये. नीतीश कुमार ने कहा-अरे इ तो हमलोगों का प्रेम है. नीतीश कुमार को अपने मंत्री के कंधे पर सिर रख कर लिपटते देख एक बार फिर वहां मौजूद लोग हैरान रह गये.
इस दौरान नीतीश कुमार ये भी कहते रहे कि वे टीका लगाने के खिलाफ नहीं है. वे सभी धर्मों की इज्जत करते हैं. बिहार में 6 धर्मों के लोग रहते हैं, वे सबकी इज्जत करते हैं. नीतीश कहते रहे-आप लोगों को मालूम नहीं है कि हम सबकी इज्जत करते हैं. लेकिन अशोक चौधरी के कंधे पर सिर रख कर लिपटने की उनकी अदा के बाद वहां मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री की बातें कम ही सुनी.
बता दें कि तीन दिन पहले एक औऱ जयंती समारोह में दूसरा तमाशा हुआ था. गांधी मैदान के पास मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति शिवसागर रामगुलाम की जयंती समारोह के दौरान नीतीश कुमार ने जब एक पत्रकार को टीका लगाये देखा तो अपने मंत्री अशोक चौधरी की गर्दन पकड़ कर लगभग खींचते हुए उन्हें पत्रकार के पास ले गये थे. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्री के सिर को पत्रकार के सिर से टकरा दिया था. उस दौरान वे कह रहे थे कि हमारे यहां भी पुजारी है. तब ये चर्चा हुई थी कि नीतीश कुमार को मंत्री अशोक चौधरी के टीका लगाने से परेशानी है. मंत्री अशोक चौधरी के टीका लगाने पर पहले भी नीतीश कुमार का रिएक्शन सामने आ चुका है.