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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 09 Mar 2024 02:18:45 PM IST
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PATNA : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचे। प्रदेश में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद सूबे में एनडीए की नयी सरकार बनने के बाद अमित शाह पहली बार बिहार पहुंचे हैं। पटना एयरपोर्ट पर बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा समेत अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। उसके बाद आईसीएआर बिल्डिंग परिसर में गृह मंत्री ने बिहार भाजपा के दिग्गज नेता रहे दिवंगत कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का अनावरण किया।
दरअसल, 1980 में जनसंघ से बीजेपी अलग हुई। उस वक्त बीजेपी में ज्यादातर नेता जनसंघ के थे। पार्टी RSS की पद्धति पर ही चलती थी। उस वक्त कैलाशपति मिश्रा वो नेता थे जिन्होंने बिहार में बीजेपी का बीज बोया। कैलाशपाति मिश्रा तब बड़े नेताओं में जाने जाते थे, लेकिन गांव-गांव, खेत-खेत रिक्शे से ही चला करते थे।
ऐसा कहा जाता है कि, एक वक्त ऐसा था जब बीजेपी की पहचान एक छोटे दल के रूप में थी। इस पार्टी के पास न कार्यकर्ता थे, ना झंडा उठाने वाले लोग। आज भले ही बीजेपी की सदस्यता के लिए कार्यकर्ताओं की लाइन लगती हो, विधायक, सांसद दूसरी पार्टियों को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने को तैयार हों, मगर 44 साल पहले बीजेपी ऐसी नहीं थी। अब से 44 साल पहले बिहार में बीजेपी के नेता रिक्शा पर चला करते थे। तब पार्टी के प्रचार के लिए नेताओं के पास गाड़ियों का काफिला नहीं थे। तब नेता पैदल गली-गली घुमा करते थे। एक-एक व्यक्ति से संपर्क साधा करते थे। ऐसे में भाजपा को तैयार करने में कैलाशपति मिश्र का काफी अहम योजदान रहा।
जब 21 अक्टूबर 1951 में जनसंघ की स्थापना के बाद बीजेपी को प्राण मिले। बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन 74 के आंदोलन ने इसे प्राण दिया। तब बीजेपी जनसंघ हुआ करती थी। पूरे देश में एक ही पार्टी थी। वह थी कांग्रेस। उस वक्त कांग्रेस के अलावा कोई और पार्टी थी ही नहीं। जिस बीजेपी को आज बिहार और पूरे भारत के लोग एक आक्रामक पार्टी के रूप में देखती है। उस बीजेपी को बिहार में कैलाशपति मिश्रा जैसे नेताओं ने वृक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाई, जिन्होंने कभी किसी कार्यकर्ता से दूरियां नहीं रखीं।
कैलाशपति मिश्र का जन्म 5 अक्टूबर 1923 को दुधारचक, बक्सर, बिहार में एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 1943 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे और महात्मा गांधी की हत्या के बाद उन्हें जेल भी हुई थी।कैलाश पति मिश्रा ने 1971 का लोकसभा चुनाव जनसंघ के टिकट पर पटना से लड़ा लेकिन हार गए। उन्होंने 1977 में बिक्रम सीट से बिहार विधानसभा चुनाव जीता और कर्पूरी ठाकुर की जनता पार्टी सरकार में वित्त मंत्री नियुक्त किये गये । 1980 में पार्टी की स्थापना के समय वह बिहार भाजपा के पहले अध्यक्ष बने। उन्होंने 1995 से 2003 तक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्हें 2003 में गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।