PATNA: निर्भया कांड के दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी इच्छा अधूरी रह गई. अक्षय की पत्नी चाहती थी कि पति अक्षय के फांसी होने से पहले उसको तलाक मिल जाए, लेकिन इस मामले पर 24 मार्च को सुनवाई होने वाली है. लेकिन उससे पहले अक्षय को आज तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों के साथ फांसी दे दिया गया.
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विधवा बनकर नहीं रहना चाहती थी
अक्षय की पत्नी ने कहा था कि अक्षय का फांसी दिया जाना तय है, लेकिन वह विधवा के रुप में जीना नहीं चाहती है. इसलिए वह अक्षय से तलाक लेना चाहती है. लेकिन यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई. अक्षय औरंगाबाद के लहंगकर्मा गांव का रहने वाला है. उसकी पत्नी गांव में ही रहती है. अक्षय का एक बेटा है. पत्नी अपने सास और ससुर के साथ गांव पर रहती है.
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फैमिली कोर्ट में केस
17 मार्च को अक्षय की पत्नी ने तलाक को लेकर औरंगाबाद के फैमिली कोर्ट में न्यायधीश रामलाल शर्मा की कोर्ट में अर्जी दी थी. इस याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई होने वाली थी. अक्षय की पत्नी के वकील ने कहा कि पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13(2)(II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक का अधिकार पा सकती है. अगर रेप के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है तो वह ले सकती है.
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