ऐसे चुने जा रहे हैं जिला परिषद अध्यक्ष: चुनाव से पहले जिप सदस्यों को भेज दिया गोवा, मस्ती और माल के साथ कुर्सी की सेटिंग

ऐसे चुने जा रहे हैं जिला परिषद अध्यक्ष: चुनाव से पहले जिप सदस्यों को भेज दिया गोवा, मस्ती और माल के साथ कुर्सी की सेटिंग

BUXAR: बिहार में किसी जिले में जिला परिषद अध्यक्ष बनने के लिए कोई दावेदार कितना खर्च कर सकता है. ये जानना हो तो बक्सर का हाल ले लीजिये. बक्सर में जिला पार्षद अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने के लिए दावेदार अपने समर्थक जिला पार्षदों को नेपाल और गोवा की सैर करा रहे है। गोवा में मस्ती कर रहे पार्षदों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर ये दावा किया जा रहा है कि कुर्सी पर कब्जे का जुगाड़ हो गया है। जिला पार्षदों को फ्लाइट से गोवा ले जाकर मस्ती कराने वाले दावेदार अगर कुर्सी पर बैठ गये तो फिर आगे क्या होगा इसका अंदाजा आप खुद लगा लीजिये।


दरअसल बक्सर के अलग-अलग क्षेत्रों के जिला परिषद सदस्यों या उनके प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर गोवा में इंज्वाय करते वीडियो और फोटो पोस्ट किया है. इन्हीं पोस्ट में कुछ सदस्य ये दावा कर रहे हैं कि वे जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में गामा पहलवान की पत्नी विद्या भारती को कुर्सी पर बिठा कर ही रहेंगे. इन पोस्ट में दिख रहा है कि गामा पहलवान के समर्थन करने वाले जिला पार्षद गोवा में फुल इंज्वाय कर रहे हैं. कुछ होटल में मस्ती कर रहे हैं तो कई जिला पार्षद, समुद्र में मोटर बोट की ड्राइव कर रहे हैं। 


3 जनवरी को बक्सर में है चुनाव

दरअसल बक्सर में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव 3 जनवरी को होगा. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनने के लिए समहरणालय सभाकक्ष में नव निर्वाचित जिला परिषद सदस्यों की बैठक 11 बजे दिन से बुलाई गई है. पहले उन्हें शपथ दिलायी जायेगी औऱ फिर वोटिंग के जरिये अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा. बक्सर में जिला परिषद अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित है. लिहाजा दो धनबलियों ने अपनी पत्नी को अध्यक्ष बनाने के लिए सारे दांव चल दिये हैं। 


बक्सर जिला परिषद अध्यक्ष के लिए एक उम्मीदवार अरविंद सिंह उर्फ गामा पहलवान की पत्नी विद्या देवी है. वहीं दूसरी उम्मीदवार चक्की के परमानंद की पत्नी सरोज देवी हैं. बक्सर में जो चर्चा हो रही है उसके मुताबिक दोनों दावेदारो ने सदस्यों को अपने पाले में लाने के लिए मोटी रकम के साथ पिकनिक और सैर सपाटे के साथ मस्ती का भी इंतजाम कर दिया है. एक दावेदार अपने समर्थक जिला परिषद सदस्यो को गोवा ले जाकर इंज्वाय करा रहा है तो दूसरा खेमा अपने वोटरों को नेपाल ले गया है। जानकार बताते हैं कि जिला पार्षदों को टूर पर  ले जाने का मूल मकसद ये है कि प्रतिद्वंदी खेमा उनसे संपर्क नहीं साध पाये।