PATNA : पटना जू में बर्ड फ्लू को लेकर किसी तरह कोई डर नहीं हैं। केवल अफवाह है, जो पटना में कुछ कौओं के अचानक मरने के बाद फैलायी जा रही है। पटनावासी बिंदास होकर जू में घूम सकते हैं। इसका नजारा भी दिखा जब लोग बच्चों के साथ जू पहुंच रहे हैं। आइए फर्स्ट बिहार संवाददाता आयुषी की नजर से दिखाते है पटना जू के अंदर का नजारा।
संवाददाता आयुषी जब बर्ड फ्लू के फैले अफवाह की खबर पर पटना जू पहुंची तो वहां लोग बिंदास घूमते दिखे। लोगों के मन में बर्ड फ्लू को लेकर कोई डर नहीं दिखा। लोग अपने बच्चों के साथ खूब मौज-मस्ती करते दिख रहे थे। कई लोगों को तो पटना में बर्ड फ्लू की अफवाह की जानकारी तक भी नहीं थी। लोगों ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। डर-भय वाली कोई बात नहीं है। पटना के आसपास से इलाकों को अच्छी-खासी संख्या में लोग जू घूमने पहुंचे थे।
वहीं आयुषी ने इस सिलसिले में जब पटना जू के डायरेक्टर अमित कुमार से बात की तो उन्होनें साफ तौर पर कहा कि पटना जू में किसी भी तरह बर्ड फ्लू की कोई आशंका नहीं है। जहां तक कुछ पक्षियों के सैंपल भेजे जाने की बात है तो उन्होनें कहा कि ये जू की एक नियमित प्रक्रिया है जिसके तहत कुछ पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जू के अंदर पक्षियों और जानवरों के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी किए जाते हैं। दरअसल सैंपल भेजे जाने की खबरों के बीच ही बर्ड फ्लू की अफवाह फैली थी।
दरअसल पिछले दिनों पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बाजार समिति से सटे पंचवटी नगर कॉलोनी में चंद घंटे में आधा दर्जन से अधिक कौए मर गए। बाजार समिति के पास पीपल की पेड़ पर बैठे कौए जमीन पर गिरकर एकाएक मरने लगे थे। जिसके बाद पटनावासियों को एक बार फिर बर्ड फ्लू की आशंका सताने लगी थी। बाद में इंस्टीट्यूट ऑफ एनीमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन की टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की थी और मरे हुए कौवों के सैंपल जांच को भेजे गए थे।गौरतलब है कि पटना जू में 2018 में बर्ड फ्लू फैला था, जिसमें छह मोरों की मौत हो गयी थी। जू को संक्रमण मुक्त करने में एक महीने का वक्त लग गया था। इस बीच जू दर्शकों के लिए बंद रहा था।