PATNA: नीतीश कुमार को लेकर लोजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बयान से NDA में लगी आग को बुझाने के लिए सुशील मोदी आज फिर मैदान में उतर आये. सुशील मोदी ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर नीतीश कुमार को ही बिहार में सीएम पद का दावेदार बनाये रखने का फिर से एलान किया. उन्होंने दावा किया कि नीतीश जैसे काबिल मुख्यमंत्री का विपक्षी पार्टियां जबाव नहीं दे पायेंगी.
https://twitter.com/SushilModi/status/1173590389938221057
रामविलास के बयान के बाद सुशील मोदी का डैमेज कंट्रोल
दरअसल आज रामविलास पासवान का इंटरव्यू एक अंग्रेजी अखबार में छपा. इंटरव्यू में पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में NDA के कैप्टन हैं और कैप्टन रहेंगे. नीतीश तब तक कैप्टन हैं जब तक बीजेपी चाहेगी. लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि बीजेपी आगे क्या करेगी. पासवान के इस बयान के बाद फिर से सियासी घमासान छिड़ गया, मतलब ये लगाया गया कि बीजेपी मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावेदार मैदान में उतार सकती है और पासवान उसका समर्थन करेंगे. इस सियासी घमासान को शांत करने सुशील मोदी एक बार फिर से मैदान में उतरे.
सुशील मोदी के ताबड़तोड़ ट्वीट
आज शाम सुशील मोदी ने ताबड़तोड ट्वीट किया. उन्होंने पासवान का नाम तो नहीं लिया लेकिन राजद और तेजस्वी यादव पर निशाना साधने के बहाने नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा- ""से संसदीय चुनाव से पहले विरोधी दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं दे पाये, उसी तरह महागठबंधन बिहार में नीतीश कुमार का विकल्प नहीं दे पाएगा और एनडीए विधानसभा चुनाव में संसदीय चुनाव की सफलता को शानदार आंकड़ों के साथ दोहराएगा.""
https://twitter.com/SushilModi/status/1173591691866980352
सुशील मोदी ने राजद के नेता तेजस्वी यादव को निशाना बनाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव फिलहाल क्राइम न्यूज पढ़ने में ज्यादा वक्त बीता रहे हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि हताशा के 33 दिन अज्ञातवास में गुजारने के बाद तेजस्वी यादव आधे मन से सक्रिय तो हुए लेकन महागठबंधन के ही दूसरे दलों ने उन्हें नेता मानने से इंकार कर दिया है. शर्मनाक हार और दोस्तों के हाथ खींचने के बाद तेजस्वी क्राइम न्यूज पढ़कर वक्त बीता रहे हैं.
मोदी के बयान के मायने क्या हैं
लोगों का एक वर्ग भले ही ये माने कि सुशील मोदी अपने मन से बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन भाजपा जैसी पार्टी में किसी उच्च पद पर बैठे नेता को अपने मन से इस तरह की बयान देने की छूट कतई नहीं है. पार्टी ने सुशील मोदी के बयान का किसी स्तर पर खंडन नहीं किया है. जाहिर है सुशील मोदी वही बोल रहे हैं जो पार्टी नेतृत्व उन्हें बोलने के लिए कह रहा है. लिहाजा फिलहाल भाजपा और जदयू की दोस्ती टूटने का अंदाजा लगाना सिर्फ कयासबाजी ही कहा जा सकता है.