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1st Bihar Published by: 9 Updated Sat, 14 Sep 2019 02:46:22 PM IST
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DARBHANGA: पिछले 11 सालों से बांग्लादेश की जेल में बंद दरभंगा का लाल सतीश आखिरकार अपने गांव मनोरथा लौट आया. घर पर पहुंचते ही पूरा परिवार की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. उन्हें यह भरोसा नहीं हो रहा था कि जिसकी खोज में परिवार ने सालों बिताए वो आज खुद उसके सामने खड़ा है. ये आंसू है खुशी के. घर में यह उत्सवी माहौल अपने बेटे सतीश के सालों बाद घर आने को लेकर है. अपनों के बीच पहुंचे सतीश का लोगों ने ढोल नगाड़ों से उसका स्वागत किया. बड़ी बहन ने सतीश के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती उतारी और अपने भाई की सलामती की दुआ मांगी. सबों ने एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर सतीश के आने की खुशी को एक दूसरे में बांटी. बता दें कि बांग्लादेश की जेलों में बंद सतीश पिछले ग्यारह सालों से अपनों से दूर था. इस बीच उसके परिजनों ने कहां कहां की खाक नहीं छानी, मन्नतें मांगी, सीएम नीतीश कुमार से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक अपनी गुहार लगायी. आखिरकार सतीश के परिजनों की मुराद पूरी हो गयी और वो सालों बाद पड़ोसी बांग्लादेश की जेल से सकुशल रिहा होकर आज अपनों के बीच सबों की खुशियों में शामिल हैं. उसके साथ उसकी रिहाई में मदद करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर भी थे जिनकी मेहनत के चलते सतीश आज रिहा होकर अपनों के बीच आ सका. दरभंगा से प्रशांत की रिपोर्ट