DELHI : कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की जांच अब तक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ओमिक्रोन की जांच जिनोम सीक्वेंसिंग के जरिए की जाती है और इसके नतीजे आने में काफी वक्त लगते हैं। बिहार जैसे राज्य में ओमिक्रोन का रिजल्ट आने में 10 से 15 दिन का वक्त लग जाता है। हालांकि अब एकमात्र हॉस्पिटल आईजीआईएमएस में इसकी जांच शुरू हो पाई है। ओमिक्रोन से मुकाबले के लिए सरकार लगातार प्रयासरत हैं। और इसी कड़ी में अब एक राहत भरी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस से लड़ाई में अब नए किट से मदद मिलेगी। आईसीएमआर ने ओमिक्रोन की जांच करने के लिए पहले किट को मंजूरी दी है। इसे ओमिस्योर नाम दिया गया है।
ओमिस्योर के जरिए ओमिक्रोन की जांच तेजी के साथ हो पाएगी। इस किट को एंटीजन किट की तरह ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसे टाटा मेडिकल ने तैयार किया है। आईसीएमआर ने इसे इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। अब यह किट ज्यादा तादाद में प्रोडक्शन के बाद उपलब्ध हो पाएगा। इसके नतीजों से लोगों में ओमिक्रोन के संक्रमण की जानकारी जल्दी मिल पाएगी।
आपको बता दें कि देश में ओमिक्रोन के मामले तेजी के साथ बढ़े हैं। 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक ओमिक्रोन के 1892 केस सामने आ चुके हैं हालांकि इनमें से 766 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। ओमिक्रोन के मामले सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां अब तक के 568 केस सामने आ चुके हैं। दूसरे नंबर पर दिल्ली है यहां 382 ओमिक्रोन केस हैं। केरल में 185, राजस्थान में 174 ओमिक्रोन के केस आए हैं। गुजरात में 152 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए हैं। बिहार में ओमिक्रोन की टेस्टिंग फैसिलिटी नहीं होने के कारण अब तक के यहां केसों की संख्या सही-सही सामने नहीं आ पाई है। बिहार को ऐसे किट के आने का इंतजार था और अब यहां टेस्टिंग बढ़ सकती है।