DESK : डिजिटल पेमेंट या ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम तरह के बदलाव ला रही है. इस प्रक्रिया को सरल भी बनाने की पूरी कोशिश हो रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपना सकें. कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने बिना इंटरनेट के कार्ड या मोबाइल के जरिये छोटी राशि के भुगतान की अनुमति दे दी है.
इस सुविधा के तहत एक बार में 200 रुपय तक की राशी को ‘ऑफलाइन’ होने के बावजूद ट्रांसफर किया जा सकता है. शुरूआती दिनों के लिए ये राशी बेहद कम रखी गई है लेकिन बाद में इसे बढाया जा सकता है.
अकसर देखा गया है कि इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने की वजह से डिजिटल पेमेंट या ट्रांजैक्शन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट का अभाव या उसकी कम स्पीड डिजिटल भुगतान में बाधा उत्पन करती हैं. इसको देखते हुए रिजर्व बैंक कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफलाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराने वाली है. उम्मीद है कि इससे डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलेगा.
इस माध्यम से भुकतान करने के लिए किसी अन्य प्रकार के वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी. फिलहाल, इस पायलट योजना को 31 मार्च, 2021 तक चलाने की योजना है. इसमें सफल होने के बाद आरबीआई औपचारिक व्यवस्था स्थापित करने के बारे में निर्णय लेगी.