DELHI : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू कर दिया है. ये बजट इस दशक का पहला बजट है जिसपर पूरे देश की नजरें हैं. ये बजट वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए है.
केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद किया.निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मूलभूत आधार मजबूत है और किसी को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं. वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित हो गई है.
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि संरचनात्मक सुधारों में हमारे देश के अंदर कर संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर रहा है. सीतारमण ने जीएसटी के मुख्य वास्तुकार जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि देश में 60 लाख में करदाता जुड़े. बैंकिंग सेवा प्रणाली को पहले से ज्यादा दुरुस्त किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू खर्च में हमने 4 फ़ीसदी की कमी की है योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने में सरकार सफल रही है.
बजट भाषण में इस बात की चर्चा की गई है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार सफल रही है. सरकार लोगों तक पीने का साफ पानी पहुंचाने में सफल रही है आयुष्मान भारत योजना का लाभ लोगों को लगातार मिल रहा है. जीएसटी के कारण हर घर का खर्च लगभग 4 फ़ीसदी कम हुआ है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. 184 बिलियन डॉलर का एफडीआई भारत में हुआ है. स्वास्थ्य, शिक्षा और नौकरी का ध्यान रखा गया है, सबका साथ सबका विकास वाला बजट हमने देश के सामने रखा है.
बजट 2020 तीन बिंदुओं पर केंद्रित है डिजिटल क्रांति से भारत वैश्विक नेतृत्व की स्थिति में है. लोगों की जीवनशैली को बेहतर करना हमारा लक्ष्य है. बजट में अंत्योदय पर फोकस किया गया है. सामाजिक सुरक्षा पर हमारा खास ध्यान इंश्योरेंस सेक्टर पर लगातार सरकार काम करती रहेगी. देश के अंदर 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं.
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कश्मीरी में कविता भी पढ़ी. पंडिच दिनानाथ कॉल की लिखी कविता मेरा वतन तेजा वतन हमारा वतन ... पढ़ीं. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा वतन डल लेक में खेलते हुए कमल के जैसा है, नौजवानों के गर्म खून जैसा है। मेरा वतन तेरा वतन हमारा वतन दुनिया का सबसे प्यारा वतन। सीतारमण ने यह लाइनें जब बजट भाषण के दौरान कहीं तो संसद में सत्तापक्ष के सांसद मेज थपथपाने लगे।