आजादी के 74 साल बाद बिहार के इस गांव में किसी को मिली नौकरी, पूरे इलाके में जश्न का माहौल

आजादी के 74 साल बाद बिहार के इस गांव में किसी को मिली नौकरी, पूरे इलाके में जश्न का माहौल

MUZAFFARPUR: देश की आजादी के 74 वर्ष पूरा होने के बाद गांव में किसी को सरकारी नौकरी लगती है तो यह किसी आश्चर्य से कम नहीं होगा। यह सुनकर आपको भी शायद यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह बात सच है। मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड के शिवदासपुर पंचायत के सोहागपुर गांव की यह कहानी है। जहां आज तक किसी को सरकारी नौकरी हासिल नहीं हो पायी थी। जबकि देश को आजाद हुए करीब 74 वर्ष पूरे हो गए लेकिन पूरा गांव सरकारी नौकरी के लिए बाट जोहता रहा लेकिन किसी को आज तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई। 


लेकिन इस कलंक को गांव के राकेश कुमार ने धो डाला। राकेश सरकारी नौकरी हासिल करने वाला पहला व्यक्ति है जिसने शिक्षक की नौकरी प्राप्त की। यह गांव लगभग 2000 लोगों की आबादी वाला है लेकिन आज तक किसी को सरकारी सेवक बनने की सफलता हाथ नहीं लगी थी लेकिन गांव के राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने अपनी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत मुकाम को हासिल कर दिखाया। 


राकेश के पिता एक किराना व्यवसाय़ी है जो गांव में किराना का दुकान चलाकर अपने बच्चे को पढ़ाया लिखाया। राकेश ने शुरुआती शिक्षा अपने गांव में हासिल की और एमकॉम की पढ़ाई दरभंगा यूनिवर्सिटी से किया। इसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की जिसके बाद बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई और उसमें वह सफलता हासिल कर अपने मुकाम तक पहुंच गया।


इस सफलता की बात सुनकर स्थानीय लोग काफी खुश हैं और गांव वालों का कहना है कि आजादी के बाद यह पहला लड़का है जिसने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत अपने गांव का नाम रोशन किया है। जरूरत है अब गांव के युवाओं और बच्चों को राकेश से सीख लेने की और सच्ची लगन और मेहनत से पढ़ाई करने की। अगर सच्ची लगन और निष्ठा से बच्चे लगे रहे तो उनका मुकाम उनके झोली में अपने आप आ जाता है इसका जीता जागता उदाहरण राकेश है। आपको बता दें कि राकेश की नियुक्ति जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हुई है। जहां अब वे बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं।