PATNA : राज्य के अंदर लगभग 90 हजार से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में बड़ा अड़ंगा देखने को मिल रहा है. राज्य में फिलहाल पंद्रह सौ से ज्यादा नियोजन इकाइयों ने अब तक मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है. राज्य के अंदर कुल 86 सौ से अधिक नियोजन इकाइयां हैं, इन सभी को मेरिट लिस्ट का प्रकाशन करना था, लेकिन अंतिम मेरिट लिस्ट में अगर देरी होती है तो नियोजन पत्र दिए जाने का शेड्यूल लटक सकता है. अगर नियोजन पत्र बांटे जाने में देरी हुई तो फिर काउंसलिंग का प्रोसेस भी लंबा खींचेगा.
प्राथमिक शिक्षक के नियोजन प्रक्रिया के पूरे होने का इंतजार बिहार के साढे तीन लाख अभ्यर्थियों को है. जिन जिलों में नियोजन के लिए मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई है उनमें पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा, भागलपुर, जहानाबाद, गया, सहरसा, औरंगाबाद, अरवल, बक्सर, खगड़िया, रोहतास, भोजपुर, सुपौल, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर, छपरा, वैशाली और अररिया जैसे जिले शामिल है.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक के सबसे ज्यादा मेरिट लिस्ट 1 से 5 तक की क्लास के लिए शिक्षकों के नियोजन से जुड़ी है. जबकि क्लास 6 से लेकर 8 तक की मेधा सूची जारी करने वाली इकाइयों की संख्या संतोषजनक है. शिक्षा विभाग की तरफ से मेरिट लिस्ट के प्रकाशन के लिए कई बार अंतिम तिथि बढ़ाई जा चुकी है, बावजूद इसके अब तक के मेरिट लिस्ट का सार्वजनिक नहीं किया जाना नियोजन इकाईयों की लापरवाही का उदाहरण है.
राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने खुद कहा है कि अब भी काफी नियोजन इकाईयों की मेघा सूची सार्वजनिक नहीं की जा सकी है. इसके लिए 5 दिन का समय विभाग और देगा. हालांकि मेघा सूची प्रकाशन में लापरवाही बरत रही नियोजन इकाईयों पर भी विभाग शिकंजा कसने की तैयारी में है. इस मामले में हम गंभीर हैं और अभ्यर्थियों के हक में विभाग जल्द ही उचित कदम उठाएगा.