PATNA : भारत में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इसी बीच केंद्र सरकार ने सोमवार यानी कि 8 जून से अनलॉक 1 की शुरुआत की घोषणा कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरूवार को नई गाइडलाइन धार्मिक स्थल, रेस्टोरेंट, मॉल और होटल के लिए जारी किये गए हैं. धार्मिक स्थलों में जाने की इजाजत तो मिल गई है, लेकिन सरकार की ओर से एक नई गाइडलाइन भी जारी की गई है. इस नई गाइडलाइन के अनुसार रेस्टोरेंट खोलने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 26 नियम बनाये हैं.
कोरोना महामारी में अनलॉक 1 के बीच 8 जून से धार्मिक स्थल खोले जायेंगे. लोग मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा समेत अपने-अपने धर्मों के धार्मिक स्थलों पर जायेंगे. लेकिन धार्मिक स्थल खुलने से पहले सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी किया गया है. नई गाइडलाइन के मुताबिक, जूते, चप्पल श्रद्धालुओं को खुद की गाड़ी में उतारने होंगे. अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो परिसर से दूर खुद की निगरानी में रखना होगा.
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक घंटी बजाने और मूर्ति छूने पर पाबंदी लगाईं गई है. इसके साथ ही प्रसाद नहीं बांटने का भी फैसला लिया गया है. अब श्रद्धालुओं को बैठने के लिए घर से चटाई ले जानी होगी. धार्मिक स्थल पर एक साथ बड़ी संख्या में लोग न जुटें, इसका खास ख्याल रखने को कहा गया है. श्रद्धालुओं को एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखना होगा. धार्मिक स्थल में प्रवेश द्वार पर हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होगी. सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है.
धार्मिक स्थलों के लिए ये है नई गाइडलाइन -
जूते, चप्पल श्रद्धालुओं को खुद की गाड़ी में उतारने होंगे। अगर ऐसी व्यवस्था नहीं है तो परिसर से दूर खुद की निगरानी में रखना होगा।
अगर ज्यादा भीड़ आती है तो सोशल डिस्टेसिंग का ख्याल रखते हुए पार्किंग मैदान में क्राउड मैनेजमेंट करें।
परिसर के बाहर की दुकानों, स्टॉल, कैफेटेरिया में भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का हमेशा पालन करना होगा।
मूर्ति, किताबों, घंटी, दीवारों को छूना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
परिसर में थूकने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
बड़ी संख्या में लोगों का जुटना मना है।
गायन-भजन के कार्यक्रम समूह में बैठकर नहीं कर सकेंगे। ऑडियो कैसेट के जरिए भजन चला सकेंगे।
एक-दूसरे को छूना नहीं है।
एक चटाई पर ज्यादा लोगों को बैठने की मनाही है। हर किसी को खुद की चटाई साथ ले जानी होगी।
प्रसाद वितरण, लंगर या पानी बांटते समय एक-दूसरे को छूना मना है।
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रखना होगा।
परिसर के बाहर और अंदर लाइन खींचकर रखें जिससे कतार में लगने वाले लोग एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रख सकें।
धार्मिक स्थल पर एक साथ बड़ी संख्या में लोग न जुटें।
सभी को एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखना होगा।
धार्मिक स्थल में प्रवेश द्वार पर हाथों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है।
बिना लक्षण वाले श्रद्धालु को ही धार्मिक स्थल में प्रवेश दिया जाए। अगर किसी को खांसी, जुखाम, बुखार आ रहा है तो उसे तुरंत रोक दें।
फेस मास्क पहने लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
कोविड-19 से जुड़ी जानकारी वाले पोस्टर, बैनर धार्मिक स्थल परिसर में लगाने होंगे। वीडियो भी चलाना होगा।
कोशिश करें कि एक साथ ज्यादा श्रद्धालु न पहुंचे।
सबको अलग-अलग करने की कोशिश करें।
परिसर में प्रवेश और बाहर जाने वाले लोगों के लिए अलग-अलग द्वार का प्रयोग करें।
प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम 6 फीट की दूरी बनाएं।
परिसर में प्रवेश से पहले सभी को अपने हाथ, पांव पानी और साबुन से धोने होंगे। इसके बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।
प्रतीक्षा स्थल में बैठने के लिए जो व्यवस्था बनाई जाएगी उसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा।
एसी चलाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी की गाइडलाइन का पालन करना होगा।
तापमान 24 से 30 डिग्री रखना होगा। आद्रता का रेंज 40 से 70 के बीच रखना होगा।
इसके अलावा कमरे में वेंटिलेशन की व्यवस्था भी रखनी होगी ताकी हवा हमेशा साफ होती रहे।
धार्मिक स्थल में समय-समय पर सैनिटाइजेशन करना जरूरी होगा।
जहां हाथ-पांव धोए जा रहे हैं, बाथरूम और शौचालय में विशेष ध्यान होगा।
फेस मास्क, ग्लोव्स को सही तरीके से नष्ट करने की सुविधा उपलब्ध कराना होगा।
कोरोना संदिग्ध मिलने पर करना होगा ये काम -
तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।
जिस जगह पर संक्रमित पाया जाएगा वो वहां पर मौजूद लोगों को आइसोलेट होना होगा।
संदिग्ध की जांच के दौरान उसके आस-पास के लोगों को खुद का फेस कवर रखना होगा और उससे पर्याप्त दूरी बनाए रखना होगा।
पूरे परिसर को डिसइंफेक्टेड करवाना होगा।