DESK: शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। नवरात्रि में लोग उपवास रखते हैं और पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा करते हैं। श्रद्धालु 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। इस बार नवरात्रि की शुरुआत कल यानी 7 अक्टूबर से हो रही है। कल गुरुवार को कलश स्थापना की जाएगी।
कलश स्थापना करते समय शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखा जाता है। इस बार 7 अक्टूबर को कलश स्थापना की जाएगी। स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक है। इसी समय कलश स्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होगी। कलश स्थापना के लिए कई पूजन सामग्रियों की जरूरत पड़ती है। चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, सात तरह के अनाज, जटा वाला नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र और पुष्प की जरुरत कलश स्थापन में पड़ती है। भोग के लिए फलों की भी जरुरत पड़ती है।
इस साल शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ने के कारण इस बार की नवरात्रि 8 दिनों की होगी। नवरात्रि व्रत का समापन 14 अक्टूबर को होगा। 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। नवरात्रि में अलग-अलग तिथि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है। नवरात्र के अष्टमी और नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन करा कर उनकी पूजा करने का भी प्रवाधान है। 15 अक्टूबर को असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्व की शुरुआत तब हुई जब मां दुर्गा के द्वारा राक्षस महिशासुर का वध कर दिया गया। दोनों के बीच 9 दिनों तक लड़ाई चली और दसवें दिन मां दुर्गा ने राक्षस का वध कर दिया था। उसी वक्त से नवरात्रि का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है।