67 लाख कैश वाले इंजीनियर को बचाने के लिए विधानसभा में बेपर्दा हो गयी सुशासन की सरकार: अब सदन की कमेटी करेगी मामले की जांच

67 लाख कैश वाले इंजीनियर को बचाने के लिए विधानसभा में बेपर्दा हो गयी सुशासन की सरकार: अब सदन की कमेटी करेगी मामले की जांच

PATNA: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस वाली सरकार आज एक भारी भ्रष्ट इंजीनियर को बचाने के लिए विधानसभा में बेपर्दा हो गयी. बीजेपी के विधायक मंत्री की पोल खोल रहे थे औऱ मंत्री को बचाव के लिए जवाब नहीं सूझ रहा था. सरकार को फंसे हुए देखकर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुनाया-इस मामले की जांच सदन की कमेटी करेगी. ये वही इंजीनियर है जिसके पास से 67 लाख कैश बरामद हुए थे. लेकिन उसके बाद सरकार ने जो किया उसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे.


भ्रष्ट इंजीनियर को बचाने के लिए इस कदर बेशर्मी

हम पहले आपको वाकया याद करा दें-28 अगस्त को मुजफ्फरपुर जिले के एक चेकपोस्ट पर पुलिस ने एक इंजीनियर की गाड़ी से 18 लाख रूपये कैश बरामद किये थे. इंजीनियर दो गाड़ी से जा रहा था लेकिन एक गाड़ी भाग निकली. पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो इंजीनियर ने पटना में अपनी पत्नी को फोन कर कह दिया कि वह सारा सामान घर से हटा दे. लेकिन दरभंगा के अपने घर से वह सामान नहीं हटवा पाया. पुलिस को उसके दरभंगा स्थित घर से 49 लाख रूपये कैश मिले. इंजीनियर के ठिकानों से बेहिसाब संपत्ति खरीद के दस्तावेज भी मिले थे. 


इंजीनियर ने कहा था-पटना में विस्फोट हो जायेगा

इतनी बड़ी मात्रा में कैश औऱ कागजातों की बरामदगी के बाद पुलिस ने उस इंजीनियर को थाने से ही छोड़ दिया था. वैसे पुलिस ने जब पूछताछ की थी तो इंजीनियर ने कहा था कि वह अगर जुबान खोलेगा तो पटना में विस्फोट हो जायेगा. उसके बाद ही उसे थाने से छोड़ा गया. दिलचस्प बात ये है कि उसी इंजीनियर ने सरकार को अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था तो उसमें कहा था कि उसके पास सिर्फ 65 हजार रूपये हैं. 


सदन में बेपर्दा हो गयी सरकार

भ्रष्ट इंजीनियर अनिल कुमार के मामले में आज सरकार विधानसभा में बेपर्दा हो गयी. सरकार को बेपर्दा करने का काम किसी विपक्षी विधायक ने नहीं बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायक ने ही किया. बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सदन को बताया कि 28 अगस्त को भ्रष्ट इंजीनियर का कारनामा उजागर हुआ था. लेकिन सरकार ने दो महीने बाद तक उसे उसी पद पर बिठाये रखा. इंजीनियर अनिल कुमार एक साथ तीन पदों पर तैनात था. वह दो एक्जक्यूटिव इंजीनियर के साथ साथ सुपरिटेंडिंग इंजीनियर के पद को संभाल रहा था. विधायक संजय सरावगी ने सदन में कहा कि सरकार ने पूरी छूट दी कि भ्रष्ट इंजीनियर सारे सबूतों को मिटा दे.


सदन में हकलाने लगे मंत्री

विधायक संजय सरावगी के तीखे सवालों के सामने ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज हकलाने लगे. सदन में भारी शोर शराबा हो गया और मंत्री को जवाब नहीं सूझ रहा था. हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष हरकत में आये. अध्यक्ष ने पूछा कि सरकार ने भ्रष्ट इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की. मंत्री का जवाब हास्यास्पद था-इंजीनियर मेडिकल लीव पर चला गया था इसलिए कार्रवाई नहीं की गयी. विभागीय कार्रवाई चल रही है, जांच के बाद कार्रवाई करेंगे. 


सरकार पर सत्तारूढ विधायकों को ही भरोसा नहीं

लेकिन इसी बीच संजय सरावगी समेत बीजेपी के कई विधायक उठ खड़े हुए. उन्होनें कहा कि मंत्री के आश्वासन सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग पर उन्हें कतई भरोसा नहीं है. विभाग इंजीनियर पर कार्रवाई करेगा ही नहीं. इस बीच कई विपक्षी पार्टियों के विधायक भी सदन में उठ खडे हुए और हंगामा करने लगे. आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने घोषणा की-इस मामले की जांच विधानसभा की कमेटी करेगी. इसके बाद आक्रोशित विधायक शांत हुए. हम आपको बता दें कि लंबे अर्से बाद भ्रष्टाचार के किसी मामले में विधानसभा की कमेटी से जांच कराने का एलान किया गया है.