मेडिकल फैसिलिटी में बिहार फेल, 3 अक्टूबर को डॉक्टरों से बात करेंगे तेजस्वी यादव

मेडिकल फैसिलिटी में बिहार फेल, 3 अक्टूबर को डॉक्टरों से बात करेंगे तेजस्वी यादव

PATNA : केंद्र सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलने के बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. तेजस्वी ने तंज कसते हुए ये कहा है कि बिहार के 40 में से 39 लोकसभा सांसद और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फ़ायदा मिल रहा है.


तेजस्वी यादव अब महँगी दवा, कोरोना काल में ऑक्सिजन के लिए मची आपा धापी, ब्लैक में कई गुणा महँगे बिकती दवाई और इंजेक्शन, बिना PPE किट, N95 मास्क के कोरोना संकट में काम करने को मजबूर डॉक्टर समेत तमाम मुद्दों को लेकर आगामी 3 अक्टूबर को डॉक्टरों से बातचीत करने वाले हैं. आरजेडी का कहना है कि कोरोना हो या चमकी बुखार अस्पताल कर्मी, नर्स और जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन करते नजर आएं. विडंबना ही है कि यह उस राज्य की कहानी है, जहां की सरकार लगातार 16 सालों से सुशासन का राग अलाप रही है.



राजद की ओर से प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा गया कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग की समस्याएँ हज़ार हैं. उससे जुड़े कर्मियों, डॉक्टरों और टेक्नीशियनों की समस्याएँ हज़ारों हैं. यह सभी समस्याएँ आम नागरिकों को सीधे प्रभावित करती हैं. इसीलिए किसी भी संवेदनशील राजनेता या राजनीतिक दल के लिए अत्यावश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग की हर कमी, नाकामी, डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और मरीज़ों की हर समस्याओं को समझे, उसकी तह तक जाए.



इसी उद्देश्य से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के लिए 3 अक्टूबर का डेट निर्धारित किया है. स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे जन जन तक पहुँचाया जाए, सरकारी अस्पतालों को कैसे सुविधासम्पन्न और तत्पर बनाया जाए, निजी अस्पतालों को किस प्रकार ग़रीब नागरिकों की पहुँच में किया जाए, दवाओं और स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओं के मूल्य को किस प्रकार कम किया जाए, बिहार के मेडिकल विद्यार्थियों को बिहार में शिक्षा ग्रहण करने और नौकरी प्राप्त करने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिहार के मेडिकल कॉलेज समय के साथ कितना आगे बढ़ पाए हैं. स्वास्थ्य को लेकर कैसे सरकार को गंभीर बनाया जाए. इन तमाम मुद्दे इस विशेष वार्ता के मुख्य लक्ष्य होंगे.