PATNA : राजधानी पटना के पानी में डूबने के तीन दिनों बाद अपने घऱ से निकले सुशील मोदी अब जलजमाव निकालने के लिए हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं. सुशील मोदी ने अधिकारियों के साथ साथ पटना के तमाम विधायकों को इस मीटिंग में बुलाया है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री की ताबड़तोड़ बैठकों का कोई असर नहीं हुआ जो डिप्टी सीएम को बैठक करनी पड़ रही है.
क्या झेंप मिटा रहे हैं सुशील मोदी
पटना में भीषण जलजमाव के बाद सबसे ज्यादा फजीहत सुशील कुमार मोदी की हुई है. बिहार का उप मुख्यमंत्री तीन दिनों तक अपने घर में बंद रहे. फिर जब बाहर निकाले गये तो उनकी हाफ पैंट वाली तस्वीर वायरल हो गयी. वायरल वो पुरानी तस्वीरें भी हुई जब लालू-राबड़ी राज में पटना में जलजमाव होने पर सुशील मोदी धरना पर बैठ जाते थे. देश भर में फजीहत के बाद सुशील मोदी आज एक्शन में आये हैं. वे आज दिन में उन संप हाउसों तक गये जहां से पानी निकाला जा रहा है. शाम में उनकी बैठक हो रही है जिसमें नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियो के साथ साथ पटना के विधायकों को बुलाया गया है. सुशील मोदी की बैठक तब हो रही है जब राजधानी के सभी हिस्सों से पानी उतरने लगा है और निकम्मा सरकारी तंत्र सरकार की पूरी फजीहत करान के बाद हरकत में आ गया है.
मुख्यमंत्री की बैठकों का नहीं हुआ असर ?
पटना से पानी निकालने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिनों में दस से ज्यादा मीटिंग कर चुके हैं. नीतीश कुमार के साथ साथ सीएम सचिवालय लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. जहां मुख्यमंत्री खुद लगातार बैठक कर रहे हों, वहां उप मुख्यमंत्री की बैठक का क्या मतलब है. एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि ऐसी बैठकों से काम बाधित हो रहा है. अधिकारी फील्ड में रहेंगे तो काम ज्यादा बेहतर तरीके से होगा. लेकिन उनका वक्त रिपोर्ट तैयार करने और फिर मीटिंग में उसे पेश करने में चला जा रहा है.