जिंदा हूं मैं: 23 साल बाद घर लौटा रघुनंदन, जुए में हारने के बाद चला गया था नेपाल

जिंदा हूं मैं: 23 साल बाद घर लौटा रघुनंदन, जुए में हारने के बाद चला गया था नेपाल

JAMUI: दो दशक से गायब रघुनंदन ठठेरा के अचानक घर लौटने से परिवार वाले काफी खुश है। उसे जिंदा देखकर गांव वाले थोड़े देर के लिए हैरान रह गये थे। लोगों को भी विश्वास ही नहीं हो रहा था कि रघुनंदन जिंदा है। क्योंकि पत्नी और परिवारवालों ने उम्मीद छोड़ दी थी। उन्हें लगने लगा था कि अब वह वापस कभी घर आएगा। रघुनंदन को सामने देख परिवार के साथ-साथ गांव वालों ने भी नहीं पहचाना। लेकिन जब उसने बताया कि वो  जुए में हारने के बाद नेपाल चला गया था। अब घर लौटा है तब उसकी बात को  सुनकर सभी खुश हो गये। रघुनंदन की पत्नी को लोग अंतिम संस्कार करने की बात कही थी लेकिन वो इस बात के लिए तैयार नहीं थी। उसे उम्मीद था कि उसका पति जरूर आएंगे और हुआ भी वहीं।


23 साल बाद रघुनंदन को सामने देख लोगों को हैरानी भी हुई। क्यों कि किसी को विश्वास नहीं था कि वो वापस लौटकर घर आएगा। लेकिन वो 68 साल की उम्र में घर लौटा जिसे उसकी पत्नी और परिवार वाले ने भी नहीं पहचाना। तब रघुनंदन ने कहा जिंदा हूं मैं। इतना सुनते ही परिवार वाले उसकी ओर देखने लगे। उनकी आखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे। परिवारवालों की खुशी का ठिकाना नहीं था। 


बता दें कि जुआ और नशे की लत ने रघुनंदन को इस कदर दबोच रखा था कि साल 2001 में वो काफी पैसा जुआ में हार गया जिसके बाद पत्नी और परिवारवालों को मुंह ना दिखाने की कसम खा ली। रघुनंदन ने घर से भागने का फैसला ले लिया। वह घर परिवार को छोड़कर नेपाल चला गया वहां मजदूरी करके जीवन बसर कर रहा था। इधर पत्नी और घरवालों ने उसकी काफी खोजबीन की लेकिन कोई अता पता नहीं चल सका। जिसके बाद सभी ने उम्मीद छोड़ दी।


 परिवार वालों ने यह मान लिया कि अब रघुनंदन जिंदा नहीं है लेकिन उनकी पत्नी इस बात को मानने को तैयार नहीं थी। यही कारण था कि उसने पति का अंतिम संस्कार तक नहीं किया। उसे विश्वास था कि एक ना एक दिन उसके पति जरूर आएंगे और हुआ भी वही। पति को सामने देख उसकी आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। परिवार वाले भी रघुनंदन को देख काफी खुश हुए। 


यह अनोखा मामला जमुई के भछियार गांव का है जहां रघुनंदन को सामने देख गांव वाले कुछ देर के लिए सोचने को मजबूर हो गये कि क्या यह वही रघुनंदन है जो 23 साल पहले गायब हो गया था। यह दृश्य किसी फिल्म से कम ना थी। रघुनंदन के घर आने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी और देखते ही देखते रघुनंदन के घर पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी रघुनंदन से मिलने पहुंचे थे। रघुनंदन 45 साल की उम्र में घर से भागा था और आज 23 साल बाद 68 साल की उम्र में पहुंचा। रघुनंदन के आने से घर में खुशियां लौट आई है। पूरे गांव में रघुनंदन की ही चर्चा हो रही है।