12 से 15 अगस्त तक देशभक्ति का जज्बा जगाएंगे शायर, सूफी गायन का भी मिलेगा आनंद

12 से 15 अगस्त तक देशभक्ति का जज्बा जगाएंगे शायर, सूफी गायन का भी मिलेगा आनंद

PATNA : आजादी का जश्न हम सब बचपन से मनाते रहे हैं। लेकिन इस बार भारत सहित पूरी दुनिया कोविड से जूझ रही है। ऐसे में इस तरह का कार्यक्रम करना संभव नही है। लेकिन कहते हैं न, ‘जहां चाह, वहां राह‘। इसी वाक्य को पटना लिटेररी फेस्टिवल अनुशरण कर रहा है। लोग एक जगह इकट्ठा होकर कार्यक्रम का लुत्फ नहीं उठा सकते हैं, लेकिन घर बैठ कर तो कार्यक्रम देख ही सकते हैं।



इसीलिए पटना लिटरेरी फेस्टिवल इस बार आजादी का जश्न वर्चुअल तरीके से मना रहा है। पटना लिटरेरी फेस्टिवल की ओर से पटना और बिहारवासियों में देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए ‘बहार-ए-आजादी‘ कार्यक्रम होगा। लोग महफिल में न जाकर इस बार घर बैठ कर वर्चुअल प्लेटफाॅर्म पर ही इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाएंगे। 12 से 15 अगस्त तक चलने वाले ‘बहार-ए-आजादी‘ कार्यक्रम में कई तरह के इवेंट्स होंगे, जिसमें कथा वाचन, मुशायरा, टॉक शो, सूफी मेलोडी, दास्तान-ए-गोई आदि शामिल है। लोग जूम, यूट्यूब और विभिन्न न्यूज पोर्टल के माध्यम से इस कार्यक्रम का लुत्फ उठा सकते हैं। पूरा कार्यक्रम  एडवांटेज सपोर्ट के सदर (अध्यक्ष)व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. एए हई की सदारत (अध्यक्षता)में होगा।



एडवांटेज सपोर्ट के सचिव और संस्थापक खुर्शीद अहमद का कहना है कि पिछले कई वर्षों से हमलोग यह कार्यक्रम कर रहे हैं। पिछले वर्ष भी कोविड के बावजूद वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस वर्ष भी हमलोग यह कार्यक्रम करने जा रहे हैं। इसका उद्देश्य लोगों में देशभक्ति का जज्बा जगाना है। साथ ही कोरोना की वजह से आई नाकारात्मकता से लोगों को निकालना है। इसमें कई लोग हमारी मदद कर रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन(ईमा) और उदयपुर टेल्स शामिल है। जो लोग कार्यक्रम देखना चाहते हैं, वो मुफ्त में समय से रजिस्टे्रशन करा लें। जूम पर 500 लोग ही कार्यक्रम देख सकेंगे। इसके लिए एडवांटेज सपोर्ट के वोलिंटियर रवि कुमार से मोबाइल नंबर 82103 00764 पर लोग संपर्क कर सकते हैं। पटना लिटरेरी फेस्टिवल एडवांटेज सपोर्ट का ही हिस्सा है।


 

बहार-ए-आजादी कार्यक्रम विवरण-

13 अगस्तः मुशायरा। आठ से 10 बजे रात तक। इस कार्यक्रम का सहयोगी संगठन इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन(ईमा) ही है।

इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इस लिंक पर रजिस्ट्रेशन कराएं। यह निःशुल्क है।

https://us02web.zoom.us/webinar/register/WN_EAOTSaEJR6yy2TsVhxE3-w



14 अगस्तः मुशायरा। आठ से 10 बजे रात तक। इस कार्यक्रम का भी सहयोगी संगठन इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन(ईमा) ही है।

इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इस लिंक पर रजिस्ट्रेशन कराएं। यह निःशुल्क है।

https://us02web.zoom.us/webinar/register/WN_Tl7AxqvbSUWICaeE7W721g



मुशायरा में स्थानीय से लेकर बाहर के शायर होंगे

इस बार मुशायरा के माध्यम से पटना लिटरेरी फेस्टिवल स्थानीय शायरों को भी प्रमोट कर रहा है। 13 अगस्त को होनेवाले मुशायरे में जौहर कानपुरी, हसीब सोज, इकबाल अशअर, अहमद दानिश, तौशिफ तबीश और काजिम रजा होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. ए ए हई करेंगे जबकि निजामत (संचालन) मोइन शादाब करेंगे। इसी तरह 14 अगस्त को होनेवाले मुशायरे में चरण सिंह बशर, हसन काजमी, शबीना अदीब, काशिफ अदीब और डॉ. शकील मोईन शामिल होंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भी डॉ. ए ए हई करेंगे जबकि निजामत(संचालन) माजिद देवबंदी करेंगे। मुशायरे की रूपरेखा शायरां शबीना अदीब ने तय किया। इसमें उनकी मदद जौहर कानपुरी ने की है। इसमें स्थानीय शायरों को भी तवज्जो दिया गया है।


पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सदस्यः डॉ. ए ए हई, खुर्शीद अहमद, फैजान अहमद, डॉ. परवेज अख्तर, फहीम अहमद, डॉ. वकार अहमद, शिवजी चतुर्वेदी, एजाज हसन और अनुप शर्मा। एडवांटेज सपोर्ट के सदस्यः डॉ. ए ए हई(अध्यक्ष), खुर्शीद अहमद(सचिव और संस्थापक), संजीब बोस, प्रो. एस नफीस हैदर, डॉ. रंजना कुमारी, सैयद सबा करीम, डॉ. परवेज अख्तर, सैयद सुल्तान अहमद, चंद्रमणि सिंह, फैजान अहमद, अनुप शर्मा और राजीव रंजन।



गजल उसने छेड़ी मुझे साज देना: डाॅ. ए ए हई

पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सदस्य व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. ए ए हई का कहना है कि कोरोना की वजह से लोगों के मन मिजाज पर नाकारात्मक असर पड़ा है। पूरी दुनिया मानसिक परेशानी से गुजर रही है। एडवांटेज सपोर्ट का एडवांटेज विंग स्वास्थ्य सेक्टर में काम कर ही रहा है। इसका एक और विंग पटना लिटरेरी फेस्टिवल साहित्य और कला के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। पटना लिटरेरी फेस्टिवल का 12 अगस्त से आगाज हो रहा है। इसमें ईमा और उदयपुर टेल्स सहयोग कर रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शायरी भी होंगे। स्थानीय शायर को भी मौका दिया जा रहा है। डॉ. हई ने एक शेर बोलते हुए कहा कि गजल उसने छेड़ी मुझे साज देना, जरा उम्र-ए-रफ्ता को आवाज देना। उन्होंने कहा कि पटना लिटरेरी फेस्टिवल को आगे ले जाना चाहेंगे। इसके लिए हमलोग प्रयासरत हैं। यह समाज को बहुत कुछ दे रहा है।



साहित्य और कला को बढ़ावा देता है पटना लिटरेरी फेस्टिवल: परवेज अख्तर

पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सदस्य और डीआईजी से सेवानिवृत्त परवेज अख्तर का कहना है कि पटना लिटरेरी फेस्टिवल एडवांटेज सपोर्ट का एक हिस्सा है। यह संस्था कई सालों साहित्य और कला को बढ़ावा दे रहा है। इस साल भी फेस्टिवल कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बार कार्यक्रम हो रहा है। इस बार के लिए भी जश्न-ए-आजादी का सिलसिला खिंचा गया है।। कार्यक्रम के अंतर्गत कव्वाली, कथावाचन, शायरी आदि होगा। शबीना अदीब जैसी सख्सियत भी इसमें हिस्सा लेंगी। लोगों को बहुत कुछ जानने को मिलेगा। कोविड की वजह से डेढ़ साल से लोग परेशान हैं। लोगों की कमर टूट गई है। यह कार्यक्रम लोगों में उत्साह भरेगा। भाईचारा कायम करेगा।



आजादी के ईदगिर्द होगा मुशायरा: फैजान अहमद

वरिष्ठ पत्रकार और पटना लिटरेरी फेस्टिवल के आर्गेनाइजिंग चेयरमैन फैजान अहमद का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करना है। उम्मीद है कि शायर अपनी रचनाएं आजादी व स्वतंत्रता के संदर्भ में पेश करेंगे। महामारी की वजह से लोगों का मनोरंजन नहीं हो पा रहा है। इसलिए लोगों का मनोरंजन होगा। हर वर्ग के लोग मुशायरा काफी पसंद करते हैं। पिछले साल भी हमलोगों ने दो दिन का मुशायरा किया था। लोगों ने काफी पसंद किया था।


खुर्शीद अहमद और एडवांटेज सपोर्ट का प्रयास सराहनीय: शबीना अदीब

शायरां शबीना अदीब का कहना है कि जश्न-ए-आजादी के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम हुआ करते थे। लेकिन कोरोना की वजह से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ऑनलाइन ही करवा रहे हैं। खुर्शीद अहमद भाई ने ऑनलाइन मुशायरा करा कर इसका आगाज कर दिया है तो ऑनलाइन ही जश्न-ए-आजादी भी मनाने का हमलोगों ने निर्णय लिया। बहार-ए-आजादी के अवसर पर आयोजित मुशायरा देशभक्ति पर केंद्रित होगा। रचनाकार इस पर अपनी रचनाएं पेश करेंगे और देशभक्ति का भाव जगाएंगे। 


देखा जाता है कि ऐसे आयोजन में तमाम जातियों, मजहब, विचार के लोग रुचि लेते हैं। सारी दीवारें टूट जाती हैं। पटना लिटरेरी फेस्टिवल लगातार यह काम कर रहा है। मैं चाहता हूं कि पटना लिटरेरी फेस्टिवल का दौर जारी रहे। इस तरह के साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम इसके तहत होते रहे। यह नया इतिहास लिखे और इसके माध्यम से साहित्यकारों को प्रमोशन मिलता रहे। 


इससे अधिक से अधिक लोग जुड़े। एडवांटेज सपोर्ट लिटरेरी फेस्टिवल के माध्यम से रचनाकारों को सम्मानित करता है। वह इस तरह के कार्यक्रम लगातार करवाता रहा है। आगे भी इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए। एडवांटेज सपोर्ट लगातार जरूरतमंदों की सहायता करता रहा है। कोरोना काल में चिकित्सिकीय सुविधा भी लोगों को मुहैया कराया। इन्होंने रचनाकारों को भी जोड़कर रखा है। मैं एडवांटेज सपोर्ट और इससे जुड़े लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं।