DESK: 10 लाख का इनामी नक्सली कमांडर जीवन कंडुलना ने रांची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। सारंडा का आतंक माना जाने वाला जीवन कई कांडों में वांछित है। खूंटी के रनिया गांव निवासी जीवन भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर था जिसने जिला पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने आत्मसमर्पण नीति के तहत कंडुलना काे 2 लाख का चेक दिया। सरेंडर करने के दाैरान उसकी पत्नी और बेटी भी साथ थीं।
पुलिस के वरीय अधिकारी की माने तो जीवन के आत्मसमर्पण में उसके परिवार के सदस्यों का बड़ा योगदान है। नक्सली जीवन को कानूनी सहायता दी जाएगी और सजा के बाद नौकरी या किसी व्यवसाय में मदद दी जायेगी। वह अब परिवार के साथ हज़ारीबाग ओपन जेल में भी रह सकता है। जीवन कंडुलना ने बताया कि नक्सलियों के पोलित ब्यूरो के सदस्य और उनका परिवार बेहतर जीवन जीते है जबकि संगठन में छोटे स्तर के लोगों की हालत बेहद खराब रहती है।
कंडुलना ने बताया कि वर्ष 1 जनवरी 2009 को उनकी बहन सुभाषी कंडुलना जब कॉलेज से घर लौट रही थी तब 3 युवकाें ने गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी थी। 3 जनवरी काे उसका शव मिला। इस दाैरान वे जालंधर में एक कंपनी में नाैकरी करते थे। जालंधर से 6 जनवरी काे जैसे ही वे घर लाैटे उसकी बहन का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। वह अंतिम बार भी उसे देख भी नहीं पाए। तभी बदला लेने के लिए वह एमसीसी में शामिल हाे गए। इसके बाद हत्या करने वाले एक युवक काे गाेली मारकर दी जबकि 2 युवक अब भी फरार हैं। कंडुलना ने बताया कि कैंसर से पीड़ित उसकी मां बिरजिनीय कंडुलना की माैत पिछले वर्ष हो गई। वह अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हाे पाया है। मां का मरा मुंह नहीं देखने का काफी पछतावा था। इसके बाद उसने दस्ता छोड़ने का मन बना लिया। ग्रामीण एसपी नाैशाद आलम के प्रयास के बाद उसने जंगल छाेड़ दिया। 10 वर्षाें से पुलिस के लिए सिरदर्द बने कंडुलना पर कुल 77 मामले दर्ज है। सरकार की ओर से 10 लाख इनाम की घाेषणा भी की गई थी।