बिहार सरकार की पहल, 1 फरवरी से स्कूलों में मिड-डे-मील में मिलेगा दूध, सब्जी की खेती भी करेंगे छात्र

बिहार सरकार की पहल, 1 फरवरी से स्कूलों में मिड-डे-मील में मिलेगा दूध, सब्जी की खेती भी करेंगे छात्र

PATNA: बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने नई पहल की है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील में अब दूध भी मिलेगा. 1 फरवरी से सभी प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों को दूध दी जाएगी साथ ही बच्चों से जैविक खेती भी कराई जाएगी. 


स्कूलों में दूध देने की शुरुआत सबसे पहले मुजफ्फरपुर के उन इलाकों से होगी जहां इंसेफलाइटिस से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए थे. मुसहरी, मीनापुर, कांटी, बोचहां और सरैया प्रखंड के स्कूली बच्चों को 150 ML दूध का पाउडर दिया जाएगा. हफ्ते में एक दिन मिड-डे-मील में 150 ML का पाउडर सभी बच्चों को दिया जाएगा. दरअसल मिड डे मील योजना राज्य सरकार की नहीं बल्कि केंद्र सरकार की है. केंद्र सरकार से राशि मिलने में काफी देरी हुई जिसके कारण राज्य सरकार ने पहल करते हुए अपने खर्च पर फिलहाल बच्चों को दूध बांटने का फैसला लिया है.


मिड डे मील के निदेशक ने कहा कि केंद्र सरकार से दूसरी किस्त का पैसा मिलने के बाद सेकेंड फेज में नालंदा, सुपौल, शिवहर, वैशाली, बेगूसराय, बक्सर, पूर्वी चंपारण के स्कूलों में भी मिड डे मील में दूध देना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही प्रारंभिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की मदद से जैविक सब्जी की खेती करवाने का भी निर्देश जारी किया है. केंद्र सरकार की ओर से लागू 'विद्यालय पोषण वाटिका' योजना के तहत चिन्हित स्कूलों में मिड डे मील के लिए सब्जी उत्पादन किया जाएगा. हेडमास्टर और शिक्षकों की गाइडलाइन्स में बच्चे जैविक सब्जियों की खेती करेंगे. इस योजना का मकसद बच्चों को पोषण युक्त भोजन कराना और स्वस्थ बनाना है.