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SIR विवाद के बीच BJP का बड़ा दावा: भारतीय नागरिकता मिलने से पहले ही वोटर बन चुकी थीं सोनिया गांधी

SIR को लेकर मचे बवाल के बीच भाजपा ने दावा किया है कि सोनिया गांधी भारत की नागरिक बनने से पहले ही वोटर बन गई थीं। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के इस बयान के बाद देश की राजनीतिक गलियारों मे हड़कंप मच गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 13 Aug 2025 02:34:36 PM IST

DELHI

BJP ने कांग्रेस को घेरा - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

DESK: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जहां विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं, वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने कहा कि भारत की नागरिकता लेने से पहले ही सोनिया गांधी यहां की वोटर बन गईं थीं। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के इस बयान के बाद देश की राजनीतिक गलियारों मे हड़कंप मच गया है।


दरअसल बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने यह दावा किया है कि सोनिया गांधी का नाम भारत की मतदाता सूची में उस समय शामिल किया गया था, जब वो भारतीय नागरिक नहीं थीं, जो कानून का घोर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी।


अमित मालवीय ने आगे कहा कि उस वक्त सोनियां गांधी इतालवी नागरिक थीं और 1 सफदरजंग रोड, नई दिल्ली (प्रधानमंत्री निवास) पर रहती थीं। मतदाता सूची में उनका नाम बूथ संख्या 145, क्रम संख्या 388 पर दर्ज किया गया था। भारी विरोध के बाद 1982 में नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में फिर से मतदाता सूची में नाम जोड़ा गया, जबकि उस समय भी वह भारतीय नागरिक नहीं थीं। 


1983 की सूची में उनका नाम बूथ संख्या 140, क्रम संख्या 236 पर दर्ज किया गया था और सूची में पंजीकरण की अर्हता तिथि 1 जनवरी 1983 थी, जबकि उन्हें नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली। अमित मालवीय ने कहा कि यदि यह चुनावी कदाचार नहीं है तो और क्या है? हम यह नहीं पूछ रहे कि राजीव गांधी से विवाह के 15 साल बाद तक नागरिकता लेने में देरी क्यों की गई, लेकिन कानून का उल्लंघन स्पष्ट है। 


वही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने SIR को लेकर कहा है कि इससे "वोट चोरी" हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डुप्लिकेट और फर्जी मतदाता बनाए जा रहे हैं, अमान्य पते और फोटो वाले मतदाता सूची में हैं। एक ही पते पर थोक में मतदाता जोड़े जा रहे हैं। नए मतदाताओं के फॉर्म-6 का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने SIR के जरिए कमजोर वर्गों, खासकर अल्पसंख्यकों, को मताधिकार से वंचित करने की साजिश का आरोप लगाया और इसे "संस्थागत चोरी" बताया। 


एक ओर जहां लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी SIR को लोकतंत्र के खिलाफ एक हथियार बता रहे हैं, वहीं बीजेपी गांधी परिवार पर ही पुराने चुनावी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि यह आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई कब तक चलेगी और इसका नतीजा क्या कुछ निकल कर सामने आएगा?