1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 08 Dec 2025 01:39:48 PM IST
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Vande Matram: वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में विशेष बहस की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जिस मंत्र ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी, प्रेरणा दी और त्याग–तपस्या का मार्ग दिखाया, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना हमारा सौभाग्य है। 150 वर्षों के इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनना गर्व की बात है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् की 150 साल की यात्रा अनेक ऐतिहासिक पड़ावों से गुजरी है। यह चर्चा न केवल संसद की प्रतिबद्धता को व्यक्त करेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण सीख बनेगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि देश हाल ही में संविधान के 75 वर्ष, बिरसा मुंडा और सरदार पटेल की 150वीं जयंती और गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस जैसे बड़े अवसर मना चुका है।
चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वंदे मातरम् के 50 साल पूरे हुए, तब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था। 100 वर्ष पूरे होने पर भारत आपातकाल की बेड़ियों में बंधा था और देशभक्तों को जेलों में ठूंस दिया गया था। यह एक काला कालखंड था। उन्होंने कहा कि 150वां वर्ष देश को उस गौरव को पुनर्स्थापित करने का अवसर देता है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा दी।
उन्होंने कहा कि यही वंदे मातरम् है जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाने की भावनात्मक शक्ति दी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की उत्पत्ति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत को 1875 में लिखा था, उस समय जब अंग्रेज सत्ता 1857 के विद्रोह के बाद भयभीत थी। अंग्रेजों का राष्ट्रीय गीत ‘गॉड सेव द क्वीन’ घर-घर पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा था, तभी बंकिम दा ने ‘वंदे मातरम्’ लिखकर उस चुनौती का जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् का जन-जन से जुड़ाव इतना गहरा था कि यह स्वतंत्रता संग्राम की पहचान बन गया और इसी कारण अंग्रेजों ने इस पर पाबंदी भी लगा दी। पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् का यह अवसर देश को आत्मनिर्भर और 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प को दोहराने का मौका देता है। हम सभी जनप्रतिनिधियों के लिए यह वंदे मातरम् के रंग में रचने–बसने का पावन पर्व है।