आतंकी हमले के खिलाफ छातापुर में कैंडल मार्च, यह निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है: संजीव मिश्रा सीतामढ़ी में ट्रांसजेंडर से अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या, पूजा समेत चार आरोपी गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, बेकार गया 4 साल लंबा इंतजार IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी Paghalgam Terror Attack: भारत इस दिन कर सकता है पाकिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त का बड़ा दावा बिहार में समलैंगिक विवाह का मामला: 3 बच्चों की मां ने नाबालिग लड़की से की शादी Pahalgam Terror Attack: “चलो मंदिर चलते हैं”, कैसे भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली इस कपल की जान, पढ़कर आप भी कहेंगे “हर हर महादेव” हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बरौनी-मानसी के रास्ते दानापुर और सहरसा के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन का विस्तार, 29 अप्रैल से सुपौल तक परिचालन बिहार में भीषण गर्मी का सितम: औरंगाबाद में पारा 46.2 डिग्री पार, पटना के संपतचक में 45.7 °C, रात में बारिश होने की संभावना Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 26 Apr 2025 08:40:46 PM IST
भगवान शिव और एक कपल - फ़ोटो google
Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. बैसरन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है, वहां आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ले ली, जिनमें कई नवविवाहित जोड़े और परिवार शामिल थे. इस दुखद घटना के एक कपल ऐसा भी था जिनकी जान भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के सुदीप्ता दास और उनकी पत्नी अपने हनीमून के लिए कश्मीर की खूबसूरत वादियों में पहुंचे थे. उनकी योजना बैसरन घाटी घूमने की थी, लेकिन भगवान शिव के प्रति आस्था ने उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. सुदीप्ता ने कहा "हम बैसरन घाटी जाने वाले थे, लेकिन मेरी पत्नी को अचानक लगा कि हमें पहले पास के शिव मंदिर में दर्शन करने चाहिए."
दोनों मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. जैसे ही वे मंदिर से बाहर निकले, उनके ड्राइवर ने बताया कि बैसरन घाटी में, जो वहां से सिर्फ एक किलोमीटर ही दूर थी, आतंकी हमला हो गया है. यह सुनते ही दोनों के पैरों टेल से जमीन खिसक गई और उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वे मौत के मुंह में जाने से बच गए और इसके पीछे साक्षात् भगवान शिव का हाथ था.
इस घटना के बारे में याद कर सुदीप्ता भावुक हो जाते हाँ और कहते हैं "अगर हम मंदिर नहीं गए होते, तो शायद हम आज जिंदा न होते. यह भगवान शिव की ही कृपा थी, जिसने हमें बचा लिया." बताते कहलें कि यह हमला, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली, कश्मीर में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक था. आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर गोलीबारी की, जिसमें 23 भारतीय, एक कश्मीरी, एक नेपाली, और एक यूएई का पर्यटक मारा गया.
इस कायराना आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हो गए, जो अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर थे. इस घटना ने पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर पैदा कर दी है. देशवासी आक्रोश से उबल रहे और बदले की मांग कर रहे. इस हमले में कई परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, और उनकी पीड़ा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है.