निशिकांत दुबे ने संसद में उठाया भाषा का मुद्दा, अंग्रेज़ी पर जताई आपत्ति, कहा..हिंदी बोलूंगा, अंग्रेजी नहीं"

लोकसभा में भाषाई अस्मिता को लेकर सांसद निशिकांत दुबे ने अंग्रेजी के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई।कहा कि अंग्रेजी उनकी मजबूरी नहीं है और ना ही पहचान। ये प्रोब्लम लोकसभा का है ये प्रोब्लम मेरा नहीं है। मुझे हिन्दी आती है तो मैं हिन्दी बोलूंगा ना।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 30 Jul 2025 03:35:23 PM IST

DELHI

हिंदी मेरी भाषा है, अंग्रेज़ी नहीं - फ़ोटो GOOGLE

DELHI: संसद में एक बार फिर भाषा विवाद गहराता नज़र आया है। झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं को लेकर जोरदार बयान दिया, जिसने सदन में बहस को नया मोड़ दे दिया। लोकसभा में भाषाई अस्मिता को लेकर सांसद निशिकांत दुबे ने अंग्रेजी के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। संसद में उन्होंने कहा कि अंग्रेजी उनकी मजबूरी नहीं है और ना ही पहचान। 


निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि ये प्रोब्लम लोकसभा का है ये प्रोब्लम मेरा नहीं है। मुझे हिन्दी आती है तो मैं हिन्दी बोलूंगा ना। आपके कहने से मैं अंग्रेजी नहीं नहीं बोलूंगा ना। अंग्रेजी विदेशी भाषा है, कोई तमिल और बांग्ला भाषा में बोलने को बोले तो मुझे प्रसन्नता होती। इससे मुझे गर्व होगा।यही आप लोगों की मानसिकता है।


दरअसल गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बोल रहे थे, जब उन्होंने तीखे अंदाज़ में कहा कि "ये प्रॉब्लम लोकसभा की है, मेरी नहीं। आपके कहने से मैं अंग्रेज़ी नहीं बोलूंगा। अंग्रेज़ी एक विदेशी भाषा है।" उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई उनसे तमिल, बांग्ला या किसी अन्य भारतीय भाषा में बोलने को कहता तो उन्हें गर्व महसूस होता। 


उन्होंने कहा कि"अगर आप मुझसे तमिल बोलने को कहते, तो मुझे प्रसन्नता होती। लेकिन आप मुझसे अंग्रेज़ी बोलने के लिए कह रहे हैं — यही तो मानसिकता की समस्या है।"निशिकांत दुबे ने स्पष्ट किया कि उन्हें हिंदी, तमिल, बांग्ला, मराठी और हर भारतीय भाषा पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी मेरी मजबूरी नहीं और न ही मेरी पहचान है। मेरी ज़ुबान इस देश की मिट्टी से बनी है, और मैं उसी में बोलना पसंद करता हूँ।


अपने भाषण का वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर करते हुए निशिकांत दुबे ने लिखा कि उन्होंने कहा अंग्रेज़ी में बोलिए मैंने कहा नहीं, मैं हिंदी में बोलूंगा मुझे हिंदी पे गर्व है मुझे तमिल पे गर्व है मुझे बंगाली, मराठी, हर भारतीय भाषा पे गर्व है अंग्रेज़ी मेरी मजबूरी नहीं, और न ही मेरी पहचान मेरी ज़ुबान मेरे देश की मिट्टी से बनी है और मैं उसी में बोलना पसंद करता हूं