Bihar News: चाय बनाते समय सिलेंडर हुआ ब्लास्ट, कई दुकानें जलकर खाक; धमाकों से दहला पूरा इलाका Bihar Election 2025: नीतीश कुमार आज सिकटा में करेंगे चुनावी सभा, NDA प्रत्याशी के समर्थन में भरेंगे दम Bihar Election : पटना के एएन कॉलेज वज्रगृह में कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम सुरक्षित, 14 नवंबर को होगी मतगणना; प्रत्याशी भी कर सकेंगे निगरानी Bihar Election 2025: पहले फेज के मतदान में दिखीं ये नई बातें, इस वजह से इन लोगों के लिए खास बना विधानसभा चुनाव Vande Mataram : “वंदे मातरम् के 150 साल: अमित शाह ने पटना से अभियान शुरू किया, बिहार में आज मोदी, शाह और योगी की ताबड़तोड़ रैलियाँ” Bihar Election 2025: वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर बोले चिराग पासवान, कहा- "बिहार में बन रही NDA की प्रचंड बहुमत वाली सरकार, तेजस्वी को लेकर कह दी बड़ी बात" Bihar Politics : मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी पर बोले जदयू नेता संजय झा – “महिलाओं की मौन क्रांति सुनिश्चित करेगी एनडीए की जीत” MP-MLA Court : राहुल गांधी के विवादित बयान पर आज एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला, राजनीतिक हलचल तेज Bihar Election Voting: पहले चरण में महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, गांव-शहर में दिखा उत्साह Bihar election 2025 : पहले चरण में जबरदस्त वोटिंग, मोकामा बनी सियासत का अखाड़ा; किसके सिर पर सजेगा ताज
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Tue, 04 Feb 2025 07:53:37 AM IST
सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य - फ़ोटो google
Marathi language compulsory: महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि स्थानीय स्वशासन, सरकारी निगमों और सरकारी सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों में मराठी बोलना अनिवार्य है।
सरकार की ओर से जारी किये गये इस नोटिफिकेशन में चेतावनी दी गयी है कि इस नियम का उल्लंघन होने पर दोषी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकारी दफ्तरों में आने वाले विजिटर्स के लिए भी मराठी में बातचीत करना अनिवार्य होगा। हालांकि उन लोगों को इससे छूट मिलेगी जो यह भाषा नहीं बोलते हैं, जो विदेशी या महाराष्ट्र के बाहर के गैर-मराठी भाषी हैं।
आपको बता दें कि इस नियम का मकसद राज्य के प्रशासन और पब्लिक लाइफ में मराठी भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। दरअसल पिछले साल स्वीकृत मराठी भाषा नीति में भाषा के संरक्षण, संवर्धन, प्रसार और विकास के लिए उठाए गए कदमों को आगे बढ़ाने के लिए सभी सार्वजनिक मामलों में मराठी के उपयोग की सिफारिश की गई थी। इसमें कहा गया है कि सभी कार्यालयों में पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) कीबोर्ड पर रोमन वर्णमाला के अलावा मराठी देवनागरी वर्णमाला भी होनी चाहिए।