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महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य, नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

Marathi language compulsory: महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया गया है। नियम नहीं मानने वालों पर सरकार कार्रवाई करेगी।

1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Tue, 04 Feb 2025 07:53:37 AM IST

Marathi language compulsory

सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य - फ़ोटो google

Marathi language compulsory: महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि स्थानीय स्वशासन, सरकारी निगमों और सरकारी सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों में मराठी बोलना अनिवार्य है।


सरकार की ओर से जारी किये गये इस नोटिफिकेशन में चेतावनी दी गयी है कि इस नियम का उल्लंघन होने पर दोषी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकारी दफ्तरों में आने वाले विजिटर्स के लिए भी मराठी में बातचीत करना अनिवार्य होगा। हालांकि उन लोगों को इससे छूट मिलेगी जो यह भाषा नहीं बोलते हैं, जो विदेशी या महाराष्ट्र के बाहर के गैर-मराठी भाषी हैं।


आपको बता दें कि इस नियम का मकसद राज्य के प्रशासन और पब्लिक लाइफ में मराठी भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। दरअसल पिछले साल स्वीकृत मराठी भाषा नीति में भाषा के संरक्षण, संवर्धन, प्रसार और विकास के लिए उठाए गए कदमों को आगे बढ़ाने के लिए सभी सार्वजनिक मामलों में मराठी के उपयोग की सिफारिश की गई थी। इसमें कहा गया है कि सभी कार्यालयों में पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) कीबोर्ड पर रोमन वर्णमाला के अलावा मराठी देवनागरी वर्णमाला भी होनी चाहिए।