बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 05 Apr 2025 05:13:40 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Land mutation and registry : भारत में प्रॉपर्टी खरीदना जितना आसान लगता है, उतना ही जरूरी है उसकी रजिस्ट्री और म्यूटेशन जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को समझना। ये सिर्फ कागज़ी कार्यवाही नहीं बल्कि संपत्ति पर आपके कानूनी अधिकार को प्रमाणित करती हैं और सरकारी रिकॉर्ड में आपका नाम दर्ज कराती हैं। अगर आपने इन्हें नजरअंदाज किया, तो भविष्य में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों की जानकारी बेहद जरूरी है। जानकारी के कमी के कारण आप दलालों के जाल में फंस सकते हैं। साथ ही, सरकारी योजनाओं का लाभ, जैसे पीएम किसान सम्मान निधि योजना, तभी मिल सकता है जब जमीन आपके नाम पर हो। इसलिए रजिस्ट्री और म्यूटेशन की प्रक्रिया को गंभीरता से समझना जरूरी हो जाता है ।
क्या है प्रॉपर्टी रजिस्ट्री और इसकी अनिवार्यता
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री का मकसद संपत्ति के मालिकाना हक को कानूनी रूप देना है। पंजीकरण अधिनियम 1908 की धारा 17 के अनुसार, अगर अचल संपत्ति की कीमत 100 रुपये से अधिक है (जो आज की तारीख में लगभग हर संपत्ति होती है), तो रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है। यह नियम गिफ्ट डीड यानी उपहार में दी गई संपत्ति पर भी लागू होता है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज
रजिस्ट्री के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे: बिक्री विलेख (Sale Deed), आधार कार्ड, पैन कार्ड, पते का प्रमाण, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें, प्रॉपर्टी से जुड़े अन्य कानूनी दस्तावेज, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस वहीँ ,रजिस्ट्री के समय स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है, जो संपत्ति के मूल्य और राज्य सरकार की नीति पर निर्भर करती है। यह शुल्क अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है।
गवाहों की भूमिका और पात्रता
रजिस्ट्री के समय दो गवाहों की उपस्थिति जरूरी होती है। ध्यान रखें कि गवाह, 18 साल से कम उम्र का न हो, मानसिक रूप से अयोग्य न हो, संपत्ति के क्रय-विक्रय में सीधे तौर पर शामिल न हो नही तो आपको आगे चलकर परेशानी बढ़ सकती है |
प्रॉपर्टी म्यूटेशन क्या है और क्यों जरूरी है?
म्यूटेशन एक राजस्व प्रक्रिया है, जिसके जरिए सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के मालिकाना नाम में बदलाव किया जाता है। हालांकि, यह कानूनी स्वामित्व का प्रमाण नहीं होता। इसका मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी टैक्स के रिकॉर्ड को सही व्यक्ति के नाम पर करना है।
म्यूटेशन कैसे कराएं – ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीका
ऑफलाइन आवेदन: संबंधित तहसील, नगर निगम या पंचायत कार्यालय में आवेदन करना होता है।
आपको बता दे कि ऑनलाइन आवेदन, कई राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन की सुविधा दी है जिससे प्रक्रिया और आसान हो गई है।
म्यूटेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
बिक्री विलेख (सेल डीड) की प्रमाणित प्रति, पहचान और पते का प्रमाण, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (यदि संपत्ति वसीयत या विरासत से मिली हो)ये कागजात जरुरी है |
म्यूटेशन की फीस और समयसीमा
यह शुल्क हरेक राज्य में अलग अलग होता है , आमतौर पर 25 रुपये से लेकर 200 रुपये या इससे अधिक हो सकता है। प्रक्रिया पूरी होने का समय भी राज्य और स्थानीय निकाय पर निर्भर करता है।
जानिए सुप्रीम कोर्ट की राय और कानूनी स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, म्यूटेशन केवल राजस्व प्रयोजनों के लिए होता है। यह संपत्ति के मालिकाना हक का प्रमाण नहीं होता। कानूनी रूप से मालिकाना हक साबित करने के लिए पंजीकृत बिक्री विलेख (Registered Sale Deed) ही मान्य दस्तावेज होता है।
म्यूटेशन समय पर कराना क्यों जरूरी है?
प्रॉपर्टी खरीदने के तुरंत बाद म्यूटेशन कराना इसलिए बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो और प्रॉपर्टी टैक्स सही मालिक के नाम पर जमा हो सके।