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Justice Yashwant Varma: कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा...SC की समिति ने आरोप सही पाया ,अब इस्तीफे या महाभियोग का विकल्प

Justice Yashwant Varma: जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से नकदी बरामदगी मामले में सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच समिति ने गंभीर आरोपों को सही पाया है। अब उन्हें 9 मई तक इस्तीफा देने या महाभियोग की प्रक्रिया का सामना करने का विकल्प दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 07 May 2025 01:39:38 PM IST

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Justice Yashwant Varma - फ़ोटो Google

Justice Yashwant Varma: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के घर से कैश मिलने के प्रकरण के बाद  में गठित सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस समिति ने उन पर लगे आरोपों को मान्य बताया  है। समिति ने अपनी यह रिपोर्ट 4 मई को भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को दे थी। सूत्रों की माने तो  न्यायमूर्ति वर्मा से इस्तीफा दे सकते हैं। अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो यह रिपोर्ट राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी और उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश भी की जा सकती है| 


मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद समिति का गठन 22 मार्च को किया गया था, जिसमें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागु, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल थे। इस समिति ने 25 मार्च से औपचारिक जांच शुरू की थी।


सूत्रों के अनुसार, जांच की शुरुआत के तुरंत बाद जस्टिस वर्मा ने वरिष्ठ वकीलों की एक टीम से कानूनी सलाह ली थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल, अरुंधति काटजू, तारा नरूला और स्तुति गुर्जल जैसे वकीलों ने उनके आवास का दौरा भी किया था।


बार एंड बेंच ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि रिपोर्ट में उन पर लगे गंभीर आरोपों को सही माना  गया है।नियम  के अनुसार , प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें तलब किया है। उन्हें पहला विकल्प इस्तीफे का दिया गया है। अगर वे इस्तीफा देते हैं तो ठीक है, अन्यथा रिपोर्ट राष्ट्रपति को महाभियोग की सिफारिश के लिए भेजी दी जाएगी। ऐसे में अब  माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा को 9 मई, शुक्रवार तक जवाब देने का समय दिया गया है

 

फिलहाल सभी की निगाहें 9 मई पर टिकी हैं, क्या न्यायमूर्ति वर्मा इस्तीफा देंगे या उनके खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू होगी? सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में लंबित इन-हाउस जांच के चलते एफआईआर की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर चुका है।