Indian delegation Russia: मॉस्को में ड्रोन हमले से बाल-बाल बचा भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल

Indian delegation Russia: रूस की राजधानी मॉस्को में एक ड्रोन हमले के दौरान भारत के उच्चस्तरीय सांसद प्रतिनिधिमंडल की जान बाल-बाल बच गई। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद विरोधी संदेश लेकर पहुंचे इस दल में कई प्रमुख सांसद शामिल थे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 23 May 2025 01:45:12 PM IST

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सांसद प्रतिनिधिमंडल बाल-बाल बचे - फ़ोटो Google

Indian delegation Russia: रूस की राजधानी मॉस्को में एक कथित ड्रोन हमले के दौरान भारत के सांसदों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गया। यह प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार के "ऑपरेशन सिंदूर" अभियान के तहत रूस के दौरे पर था, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूत करना है।


प्रतिनिधिमंडल में डीएमके सांसद कनिमोझी, समाजवादी पार्टी के राजीव राय, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेमचंद गुप्ता, कैप्टन ब्रिजेश, अशोक कुमार मित्तल और पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पूरी शामिल थे। 22 मई को भारत से रवाना हुए इस दल का विमान जब मॉस्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला था, उसी समय यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले की खबर सामने आई।हमले के चलते मॉस्को एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में अफरा-तफरी मच गई और हवाई यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया।


 भारतीय सांसदों को लेकर आ रहा विमान कई घंटों तक हवा में मंडराता रहा। अंततः सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद विमान को सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति दी गई। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने सांसदों का स्वागत कर उन्हें सुरक्षित होटल तक पहुँचाया। भारत सरकार द्वारा आरंभ किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत विभिन्न देशों में छह प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, जो हाल ही में भारत में हुए आतंकी हमलों, जिनमें 26 नागरिकों की जान गई थी, को वैश्विक मंच पर उजागर करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल आगे स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन की यात्रा भी करेगा।



मॉस्को में पहुंचने के बाद डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, "रूस भारत का रणनीतिक साझेदार है और हमारे बीच दशकों पुराने गहरे कूटनीतिक संबंध हैं। भारत में हाल के आतंकी हमलों ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग अनिवार्य है।" उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल रूस के उप विदेश मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, थिंक टैंक और मीडिया प्रतिनिधियों से मुलाकात कर भारत की स्थिति स्पष्ट करेगा। यह दौरा न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को सशक्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को भी गति देगा।