1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 12 Nov 2025 05:40:37 PM IST
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Indian Economy: भारत में आम जनता के लिए बड़ी राहत की खबर है। अक्टूबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर सिर्फ 0.25% रह गई है, जो पिछले 10 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। सितंबर में यह दर 0.54% थी। लगातार चार महीनों से महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। यह लगातार सातवां महीना है जब महंगाई केंद्रीय बैंक की 6% की ऊपरी सीमा से कम रही है।
महंगाई में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी बताई जा रही है। खासतौर पर सब्जियों के दाम में पिछले छह महीनों से दो अंकों की गिरावट देखी जा रही है। चूंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी लगभग आधी है, इसलिए खाने-पीने की चीजों के सस्ते होने से कुल महंगाई में उल्लेखनीय कमी आई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि GST दरों में हाल में की गई कटौती ने भी महंगाई घटाने में अहम भूमिका निभाई है। सितंबर के अंत में कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाई गई थीं, जिसका असर अब अक्टूबर के आंकड़ों में साफ दिख रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि महंगाई घटने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज बनी हुई है। अप्रैल-जून तिमाही में GDP वृद्धि दर लगभग 8% रही है। उत्पादन और खर्च में तेजी के बावजूद कीमतों पर नियंत्रण बना हुआ है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि RBI अगले कुछ महीनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है ताकि विकास को और गति मिले।
हालिया बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि मौजूदा आर्थिक माहौल नीतिगत ढील के लिए अनुकूल है, हालांकि फिलहाल ब्याज दरों को यथावत रखा गया है। RBI का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में महंगाई घटकर 2.6% तक पहुंच सकती है, जो पहले के 3.1% के अनुमान से कम है। तिमाही आधार पर अनुमान है कि दूसरी और तीसरी तिमाही में यह 1.8%, चौथी में 4% और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.5% तक रह सकती है।
केंद्रीय बैंक ने चेतावनी दी है कि भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक व्यापार अवरोध और आयात शुल्क में बदलाव जैसे कारक भविष्य में महंगाई पर असर डाल सकते हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य कीमतों में तेज गिरावट और GST दरों के युक्तिकरण ने समग्र महंगाई परिदृश्य को और स्थिर बनाया है।