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नहीं थम रहा Guillain-Barre Syndrome का कहर! महाराष्ट्र में 6 की मौत, बड़ा सवाल-क्या पानी से भी फैल सकता है GBS?

Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र में GBS का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य में अब तक इस बीमारी से 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Fri, 07 Feb 2025 01:00:00 PM IST

Guillain-Barre Syndrome

Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र में ब्रेन से जुड़ी गंभीर बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम कहर बरपा रही है। राज्य में अब तक इस बीमारी के कारण 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों में से 1 शख्स में जीबीएस कंफर्म हो चुका है, जबकि 5 मौतों को संदिग्ध माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते गुरुवार को जीबीएस के 3 नए मामले दर्ज किए गए हैं।


पानी उबालकर पीएं

महाराष्ट्र में जीबीएस के अब तक कुल 173 संदिग्ध मरीजों का पता चला है, जिनमें से 140 में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से कई मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनका इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी कि वे सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोक सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को पानी उबालकर पीने या बोतलबंद पानी पीने की सलाह दी है।


गलत खानपान से जीबीएस फैलने की संभावना

स्वास्थ्य विभाग ने खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोने, चिकन और मांस को ठीक से पकाने, कच्चा या अधपका खाना नहीं खाने के साथ ही सलाद, अंडे, कबाब या सीफूड्स को अवॉइड करने की सलाह दी है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक खान-पान से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम फैलने की संभावना बेहद कम होती है। कई लाख लोगों में से किसी एक या दो व्यक्ति को गलत खान-पान के कारण गुइलेन-बैरे सिंड्रोम होती है। फिर भी लोगों को खान-पान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा पानी को उबालकर या फिल्टर करके पीना चाहिए।


दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जीबीएस

गुइलेन बैरे सिंड्रोम यानी जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से अपने ही पेरिफेरेल नसों पर हमला कर देती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्न हो जाना और पैरालाइसिस हो सकता है। आमतौर पर शुरुआती इलाज से ही इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है और 2-3 हफ्ते के अंदर रिकवरी भी देखने को मिलती है। इस बीमारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्तर पर इससे प्रभावित लोगों में से करीब 7.5% लोगों की मौत हो जाती है। गुइलेन बैरे सिंड्रोम एक रेयर बीमारी है,  हर साल एक लाख लोगों में एक या दो लोगों में ये बीमारी देखने को मिलती है। आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति रहे फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की मौत भी इसी बीमारी के कारण हुई थी।