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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 22 Apr 2025 07:36:56 PM IST
खाली हाथ लौटी बारात - फ़ोटो GOOGLE
Wedding Controversy: शादी जैसे पवित्र बंधन को लेकर दो जिलों से ऐसे मामले सामने आए हैं जो न केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि रिश्तों में ईमानदारी और पारदर्शिता की अहमियत को भी उजागर करते हैं। एक तरफ प्रयागराज में दूल्हे की दिव्यांगता छुपाने पर दुल्हन ने फेरे लेने से इनकार कर दिया, वहीं दूसरी ओर बस्ती जिले में बारातियों और घरातियों की आपसी मारपीट के बीच दुल्हन ने शादी से मना कर दिया। दोनों घटनाएं शादी समारोह को हंगामे में तब्दील कर गईं।
दुल्हन ने ठुकराई शादी
पहली घटना प्रयागराज के मऊ आइमा थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां रविवार रात शादी समारोह में सबकुछ सामान्य चल रहा था। बारात आई, बारातियों का भव्य स्वागत हुआ, डीजे पर नाच-गाना भी हुआ, और द्वारपूजा की रस्म भी निभाई गई। सब कुछ एक खुशहाल विवाह की तरह लग रहा था। लेकिन जैसे ही वरमाला का वक्त आया, मंच पर बैठे दूल्हे का एक रहस्य सामने आ गया। जब दुल्हन ने दूल्हे को माला पहनाने की कोशिश की, तो उसने देखा कि दूल्हे का हाथ उठ ही नहीं रहा। पूछताछ करने पर पता चला कि दूल्हा दिव्यांग है और यह बात लड़की पक्ष से पूरी तरह छिपाई गई थी।
यह जानकर दुल्हन का माथा ठनक गया और उसने मौके पर ही शादी से इनकार कर दिया। दोनों पक्षों में हड़कंप मच गया। कई घंटे तक पंचायत और सुलह की कोशिशें चलीं, लेकिन अंततः यह निष्कर्ष निकला कि दूल्हे की दिव्यांगता को छुपाया गया था, इसलिए शादी नहीं हो सकती। बताया जा रहा है कि इस बीच कुछ समय के लिए बारातियों को बंधक बनाने की स्थिति भी बन गई थी, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। अंततः बारात बिना दुल्हन के लौट गई।
वरमाला से पहले बाराती-घराती भिड़े
दूसरी घटना बस्ती जिले के सोनहा थाना क्षेत्र के बरगदवा गांव की है, जहां गोंडा से बारात आई थी। शादी की सभी रस्में सामान्य तरीके से चल रही थीं। द्वारपूजा के बाद वरमाला कार्यक्रम की तैयारी हो रही थी। दूल्हा मंच पर बैठा दुल्हन का इंतजार कर रहा था, लेकिन तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसने माहौल को अशांत कर दिया। किसी बात को लेकर बारातियों और घरातियों के बीच कहासुनी शुरू हो गई जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि शादी समारोह का माहौल ही बिगड़ गया। इस घटनाक्रम को देख दुल्हन ने तुरंत वरमाला स्टेज से नीचे उतरकर शादी से इनकार कर दिया। नाराज घरातियों ने दूल्हे और उनके परिजनों को कथित रूप से बंधक बना लिया। तमाम कोशिशों के बावजूद दुल्हन अपने फैसले से नहीं डिगी और शादी करने से साफ मना कर दिया।
इन घटनाओं से उठे कई सवाल
इन दोनों घटनाओं ने समाज में शादी से जुड़ी पारदर्शिता, ईमानदारी और समझदारी की आवश्यकता को उजागर कर दिया है। एक तरफ, वर पक्ष द्वारा दिव्यांगता जैसी महत्वपूर्ण जानकारी को छुपाना गंभीर नैतिक प्रश्न खड़ा करता है, तो दूसरी ओर बारातों में होने वाली अशांति और मारपीट जैसी घटनाएं रिश्तों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। यह साफ है कि शादी सिर्फ रस्मों का खेल नहीं, बल्कि दो परिवारों और दो व्यक्तियों के बीच विश्वास का बंधन होती है, जिसे छल और हिंसा कभी मजबूत नहीं बना सकते।