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दुर्गा पूजा से पहले सरकार का बड़ा तोहफा, समय से पहले वेतन-पेंशन और भत्तों का भुगतान

पश्चिम बंगाल में इस साल दुर्गा पूजा से पहले राज्य सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और लाभार्थियों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय और वित्त विभाग के निर्देश के मुताबिक सितंबर का वेतन, मजदूरी, मानदेय और स्टाइपेंड 24-25 सितंबर को ही जारी क

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Sep 2025 09:09:07 AM IST

DURJA PUJA

DURJA PUJA - फ़ोटो

पश्चिम बंगाल में इस साल दुर्गा पूजा की शुरुआत 22 सितंबर से होने जा रही है। नवरात्र और दुर्गोत्सव बंगाल की सबसे बड़ी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है। इस अवसर पर राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय और वित्त विभाग से जारी निर्देशों के अनुसार, सितंबर महीने का वेतन त्योहार से पहले ही कर्मचारियों के खाते में पहुंच जाएगा।


दरअसल, राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 26 सितंबर से 7 अक्टूबर तक राज्य के सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इस बीच दशहरा और दुर्गा पूजा से जुड़े अवकाश रहेंगे। ऐसे में कर्मचारियों को वित्तीय असुविधा से बचाने के लिए सरकार ने 24 और 25 सितंबर को ही वेतन देने का निर्णय लिया है। इससे लाखों कर्मचारियों के परिवारों को पूजा की तैयारियों और खर्चों में आसानी होगी।


केवल वेतन ही नहीं, बल्कि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 24 और 25 सितंबर को मजदूरी, पारिश्रमिक, मानदेय और स्टाइपेंड की राशि भी जारी कर दी जाएगी। इससे उन सभी वर्गों को लाभ मिलेगा, जिनकी आजीविका सरकारी तंत्र से जुड़ी है। श्रमिकों से लेकर अनुबंध आधारित कर्मियों तक, सभी को त्योहार से पहले राहत मिलेगी।


राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस निर्णय का लाभ देने की घोषणा की है। वित्त विभाग के मुताबिक, 1 अक्टूबर को सभी पेंशनभोगियों के खाते में पेंशन जमा कर दी जाएगी। खास बात यह है कि इसी दिन महानवमी भी है, यानी त्योहार के बीच पेंशन का समय पर मिलना बुजुर्गों और उनके परिवारों के लिए अतिरिक्त सहूलियत साबित होगा।


इसके अलावा, राज्य की महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं – जैसे ‘जय बंगला’, ‘लक्ष्मी भंडार’ और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की राशि भी 1 अक्टूबर को ही लाभार्थियों के खातों में भेज दी जाएगी। इससे ग्रामीण और निम्नवर्गीय परिवारों को त्योहार पर आर्थिक सहारा मिलेगा। हालांकि इस सकारात्मक पहल के बीच पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों में महंगाई भत्ता (डीए) को लेकर असमंजस और बेचैनी बनी हुई है। राज्य सरकार और कर्मचारियों के बीच लंबे समय से डीए को लेकर विवाद चल रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।



कन्फेडरेशन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लॉइज के वकील विकासरंजन भट्टाचार्य ने बताया कि दुर्गा पूजा से पहले तो दूर, काली पूजा से पहले भी इस मामले का कोई नतीजा निकलने की संभावना कम है। उनके अनुसार, “अगर 2025 के भीतर फैसला आ जाए तो हमें संतोष होगा।” यानी फिलहाल कर्मचारियों को केवल उम्मीद और धैर्य के सहारे ही इंतजार करना होगा।वेतन और पेंशन समय से पहले मिलने की घोषणा ने कर्मचारियों के बीच राहत की भावना जरूर पैदा की है। एक सरकारी कर्मचारी ने कहा, “डीए की लड़ाई अपनी जगह है, लेकिन त्योहार पर समय से वेतन मिलना हमारे परिवार के लिए बड़ी राहत है। खर्चों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, ऐसे में तनख्वाह का समय पर मिलना बहुत जरूरी है।”



दुर्गा पूजा बंगाल में केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का भी सबसे बड़ा अवसर है। इस दौरान बाजारों में भारी भीड़ होती है, कपड़ों से लेकर सजावटी सामान और मिठाई तक की बिक्री चरम पर रहती है। सरकार का यह फैसला न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत देगा, बल्कि बाजारों में भी रौनक बढ़ाएगा। संक्षेप में कहा जाए तो, भले ही डीए का मुद्दा अब तक अनसुलझा है और उस पर अंतिम फैसला आने में समय लगेगा, लेकिन सरकार ने समय से पहले वेतन और पेंशन देकर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को त्योहार से पहले बड़ी राहत दी है। इस निर्णय से राज्य के लाखों परिवार दुर्गा पूजा को आर्थिक चिंता से मुक्त होकर मना पाएंगे।