1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 27 Oct 2025 06:49:00 PM IST
मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य - फ़ोटो सोशल मीडिया
DESK: इस वक्त की बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है। बिहार के बाद अब मतदाता पुनरीक्षण का काम देश के 12 राज्य में होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण कल से शुरू होने जा रहा है। दूसरे चरण में मतदाता सूची के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा।
एसआईआर का काम 12 स्टेट और केन्द्र शासित प्रदेशों में होने जा रहा है। जिनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पुडुचेरी,लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि कल से दूसरे चरण का एसआईआर होगा इसलिए जिस राज्य में यह काम होगा वहां के वोटर लिस्ट को आज रात ही फ्रीज कर दिया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि नये मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने, पुराने मतदाताओं की लिस्ट में किसी भी तरह की गलती को सुधारने के लिए बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर तीन बार मतदाताओं के घर जाएंगे।
घर-घर जाकर फॉर्म 6 और डिक्लेरेशन फॉर्म को जमा करेंगे और नये वोटरो को फॉर्म भरने में मदद करेंगे। फॉर्म को एकत्र करने के बाद ईआरओ या एईआरओ को हैड ओवर करेंगे। 28 अक्टूबर से एसआईआर के सेकंड फेज की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। इसे लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। कहा गया है कि दो दिन के भीतर राजनीतिक दलों से मिलकर मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया के बारे में बताये। एसआईआर में किसी भी मतदाता को कोई परेशानी ना हो इसका ख्याल रखा जाए। उनकी समस्या को देखने का काम बीएलओ का है, बीएलओ का मोबाइल नंबर आयोग के बेवसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।
अपने इलाके के बीएलओ से मोबाइल नंबर से संपर्क कर सकते हैं और फॉर्म भर सकते हैं। बिहार को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और इसे सफल बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण में बिहार में SIR हुआ, इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि लोगों का पलायन होता है, जिसके चलते मतदाताओं का एक से ज़्यादा जगहों का वोटर लिस्ट बन जाता है। यहां तक की जिन मतदाताओं की मौत हो जाती है, उनका नाम भी वोटर लिस्ट में दिखता है। मृत वोटरों का नाम हटाने के लिए भी एसआईआर जरूरी है, कोई दूसरे देश से आकर यहां गलत तरीके से सूची में शामिल हो जाता है उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए भी यह प्रक्रिया जरूरी है।