1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 19 May 2025 03:05:04 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Mango Man: बिहार के भागलपुर का जर्दालू आम अपने स्वाद के लिए देश-विदेश में मशहूर है। इसे 2016 में GI टैग मिला था, जिसके बाद यह और खास हो गया। इस आम को बिहार के “मैंगो मैन” अशोक चौधरी ने नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। सुल्तानगंज के तिलकपुर गांव में उनके 10 एकड़ के मधुबन बगीचे से हर साल हजारों पेटी जर्दालू आम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भेंट के रूप में भेजे जाते हैं। अशोक ने मोदी 1, मोदी 2, और मोदी 3 जैसी नई किस्में भी विकसित की हैं, जिनकी मांग देश-विदेश में अब खूब बढ़ रही है।
जर्दालू आम की खासियत इसकी मिठास, सुगंध और सुपाच्य गुणों में है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा कम होती है। इसकी खुशबू घर में फैलकर आधा पेट भर देती है और इसके औषधीय गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। अशोक चौधरी ने बताया कि उनकी बगिया का आम दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुजरात जैसे शहरों के अलावा यूरोप और खाड़ी देशों में भी जाता है। इस बार 3,000 पेटी आम दिल्ली भेजने का लक्ष्य है, जो विक्रमशिला एक्सप्रेस से बिहार भवन के रास्ते गणमान्य व्यक्तियों तक पहुंचेगा।
अशोक चौधरी ने 2007 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुझाव पर जर्दालू आम दिल्ली भेजना शुरू किया था। तब से यह परंपरा हर साल जारी है। उन्होंने 32 सालों में 100 से ज्यादा आम की किस्में विकसित कीं, जिनमें मोदी 1 (2014, हिमसागर-मालदह क्रॉस), मोदी 2 (2019, बौना पेड़), और मोदी 3 (2024, दूधिया मालदा-स्वर्णरेखा क्रॉस) शामिल हैं। मोदी 3 की दो उप-किस्में हैं.. एक रंगीन, जो 15 दिन तक खराब नहीं होती, और दूसरी हरी। इनकी मांग गुजरात सहित देशभर में है।
केवल यही नहीं अशोक ने ऑपरेशन सिंदूर नाम की एक नई किस्म भी बनाई है, जो भारतीय सेना के साहस से प्रेरित है। बता दें कि भागलपुर की मिट्टी और जलवायु जर्दालू आम को खास बनाती है। अशोक के प्रयासों से हजारों किसान अब आम की खेती से करोड़ों रुपये तक कमा पा रहे हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के सहयोग से जर्दालू को GI टैग मिला है। अशोक का कहना है कि भागलपुरी आम का स्वाद दुनिया में बेजोड़ है, और यह बिहार की पहचान को वैश्विक मंच पर ले जाने का काम कर रहा है।